Front Page

झमाझम बारिश से काश्तकारों के मुरझाये चेहरों पर लौटी रौनक

–गौचर से दिग्पाल गुसाईं
क्षेत्र में लंबे समय बाद हुई झमाझम बारिश से जहां लोगों को तपती गर्मी से काफी हद तक निजात मिल गई है वहीं सूखने के कगार पर खड़ी फसलों को जीवनदान मिल जाने से कास्तकारों के चेहरों पर रौनक लौट आई है।
दरअसल लंबे समय से क्षेत्र में बारिश न होने की वजह से पारा 37 डिग्री को छू गया था। इससे जहां लोगों का तपती गर्मी से बुरा हाल हो गया था वहीं खेतों में खड़ी फसलों के सूखने के कगार पर पहुंचने से कास्तकारों के चेहरों पर चिंता की लकीरें दिखने लगी थी। उन्हें इस बात की चिंता शताने लगी थी कि समय रहते मेघ नहीं बरसे तो उनकी फसल बरबाद हो जाएगी। हालांकि इससे पूर्व 19, 20 जून को बारिश हुई तो है लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई है। शासन प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्थाओं की दुर्दशा के चलते यहां के कास्तकारों को हर साल धान की रोपाई के लिए बारिश का इंतजार करना पड़ता है।इस बार समय से बारिश न होने की वजह से अभी तक कास्तकार धान की रोपाई शुरू ही नहीं कर पाए थे। यही नहीं बिना पानी के धान की नर्सरियां सूखने के कगार पर पहुंचने से कास्तकार चिंता में डूब गए थे। बारिश के लिए कास्तकारों ने देवी देवताओं की शरण में जाना शुरू कर दिया था। शनिवार देर रात अचानक मौसम ने करवट बदला और सुबह तक क्षेत्र में झमाझम बारिश हुई। इससे जहां लोगों को तपती गर्मी से काफी हद तक राहत मिली है वहीं फसलों को भी जीवनदान मिल गया है। दूसरी ओर पहली ही बारिश में लोगों को बिजली पानी से भी महरूम होना पड़ा है। सुबह जब लोगों ने पानी के नल खोले तो नलों से मिट्टी युक्त पानी आने से लोगों के सामने पेयजल का घोर संकट पैदा हो गया है। बारिश शुरू होते ही विधुत लाइनों में फाल्ट आने से 7 घंटे से अधिक समय तक क्षेत्र की विधुत आपूर्ति ठप्प रही हालांकि विधुत विभाग के अधिकारी कर्मचारी सुबह से व्यवस्था बहाल करने में जुट गए थे लेकिन उन्हें फाल्ट ढूंढने में ही काफी समय लग गया। उन्हें 10 बजे तक ही विधुत व्यवस्था बहाल करने में कामयाबी मिल पाई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!