संगीत की महफिल से महका टीएमयू का कैंपस

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तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में मधुर स्मृतियों के संग दो दिनी परम्परा-02 का समापन, संगीत की यह आखिरी सांझ पद्मश्री डॉ. सोमा घोष और उनके साथी कलाकारों के रही नाम, ऑडी का मंजर शास्त्रीय संगीत से रहा सराबोर

मुरादाबाद, 21     दिसंबर ( भाटिया). कभी तालियों की गड़गड़ाहट। कभी पिन ड्राप साइलेंट। रंग-बिरंगी रोशनी को चीरती तबले की थाप। कभी शहनाई की सुरीली गूंज और कभी सुरों का अलाप…। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी का ऑडिटोरियम का मंजर सौ मिनट से अधिक समय तक शास्त्रीय संगीत से सराबोर रहा। परम्परा-02 की यह सांझ पद्मश्री डॉ. सोमा घोष और उनके साथी कलाकारों के नाम रही। शहनाई से राग विहाग की धुन पर हारमोनियम, तबला और घुंघरूओं की संगत पर राग कलावती, छोटा हम्म, बनारस का दादरा, गज़ल-दादरा की मनमोहनी प्रस्तुतियां संगीत प्रेमियों के दिल और दिमाग में बरसों-बरस समाई रहेंगी। सुर और साज की यह महफिल किसी अविस्मरणीय तोहफे से कम नहीं है। करीब-करीब डेढ़ घंटे की सांझ को शब्दों में पिरोना मुश्किल-सा है। इससे पूर्व टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, न्यू कमर्स फैकल्टीज और स्टुडेंट्स  ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके परम्परा-02 के तृतीय सत्र का शुभारम्भ किया। सांस्कृतिक प्रोग्राम में सीडीओ, मुरादाबाद श्री सुमित यादव, एसपी देहात, मुरादाबाद श्री संदीप कुमार मीना, समाज सेवी और शिक्षाविद् योगेश जैन की बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूदगी रही। अंत में बतौर मुख्य अतिथि, चैती, कजरी, टप्पा, ठुमरी, दादरा के अलावा गजल गायकी के लिए प्रसिद्ध एवम् पद्मश्री डॉ. सोमा घोष को विशिष्ट अतिथि श्री सुमित यादव और कुलाधिपति श्री सुरेश जैन ने पुष्प गुच्छ देकर और शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस मौके पर साथी कालाकारों को भी बुके और शाल भेंट किए गए। संचालन निदेशक हॉस्पिटल श्री विपिन जैन और डॉ. सुगंधा जैन ने किया।

 

महफिली दादरा और दमादम मस्त कलंदर…की दमदार प्रस्तुति पर श्रोताओं ने स्टेंडिंग ऑवेशन देते हुए बोले, वाह…वाह…। इससे पूर्व पद्मश्री डॉ. सोमा घोष और उनके साथी कलाकारों ने शंखनाद के संग अपनी इस सांझ का श्रीगणेश किया। डॉ. सोमा घोष ने णमोकार मंत्र- णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आयरियाणं… अरिहन्तों को नमस्कार, श्री सिद्धों को नमस्कार, आचार्यों को नमस्कार…. गाया तो करतल ध्वनि के बीच पूरा ऑडी भगवान महावीर की भक्ति सागर में डूब गया। शहनाई पर राग विहाग के साथ तेरे सुर और मेरे गीत… दोनों मिलकर बनेंगे गीत…विलंबित ख्याल में गाकर श्रोताओं के दिल के तारों को झकृत कर दिया। राग कलावती में मगन भयो जियरा, पिऊ के आवन की सुध आई…सुनाया तो माहौल पिन ड्राप साइलेंट हो गया, लेकिन जब इसके साथ ही छोटा हम्म जोड़ा तो मुकम्मल ऑडी तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। डॉ. सोमा घोष ने श्रोताओं के मूड को भांपते हुए बनारस की दादरा-हमारी अटरिया पे सांवरिया देखा-देखी तनिक हो जाइया… और गज़ल दादरा- इश्क की मार बड़ी बेदर्दी इश्क में जां न फंसइयो जी…गाया तो दर्शक तालियां बजाते हुए झूम उठे। डॉ. सोमा घोष ने अपने बाबा भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ां की याद में गजरी- बरसे बदिया सावन की… गाया तो श्रोताओं ने अपना सुर भी डॉ. सोमा घोष के सुर में मिलाया। अंत में श्रोताओं के आग्रह पर डॉ. घोष और सह कलाकारों ने महफिली दादरा- हो बलम बिछुआ बाजे रे… और दमादम मस्त कलंदर… की दमदार प्रस्तुति दी। परम्परा-02 के समापन मौके पर टीएमयू के रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, डीन स्टुडेंट्स वेलफेयर प्रो. एमपी सिंह, लॉ कॉलेज के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित, टिमिट निदेशक प्रो. विपिन जैन, लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. एसके सिंह, ज्वाइंट रजिस्ट्रार एआरसी प्रो. निखिल रस्तोगी, फॉर्मेसी के प्राचार्य प्रो. अनुराग वर्मा, पैरामेडिकल के वाइस प्रिंसिपल प्रो. नवनीत कुमार आदि की मौजूदगी रही।

 

संगीत हमेशा देता है मुहब्बत का पैगामः डॉ. सोमा घोष

पद्मश्री डॉ. सोमा घोष ने कहा, संगीत के बूते हम सब एक है। म्यूजिक यूनिवर्सल है। हम केवल म्यूजिक से ही एक देश को दूसरे से जोड़ सकते हैं। बाबा उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ां हमेशा कहते थे, संगीत को लेकर चलोगे तो इंशा अल्लाह दुनिया में कभी झगड़ा नहीं होगा। उन्होंने तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी और ब्रीथिंग आर्ट्स को ऐसे प्रोग्राम्स कराने के लिए शुक्रिया अदा किया। स्टुडेंट्स हमारा कल हैं उनके लिए बहुत-बहुत प्यार। स्टुडेंट्स ही भारतीय संस्कृति को जीवित रखेंगे। अब शास्त्रीय संगीत को सुनने वाले श्रोता ही नहीं रहे हैं, ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है, हमें अपनी विरासत आपको साैंपनी होगी। यह हम कलाकारों का फर्ज है। ब्रीथिंग आर्ट्स के फाउंडर श्री अनुराग चौहान ने परम्परा के सफल आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद देते हुए कहा, ब्रीथिंग आर्ट्स एक ऐसा ऑर्गेनाइजेशन है, जो इस कला को बचाने के लिए हमेशा समर्पित है। टीएमयू और ब्रीथिंग आर्ट्स बीच कॉलेबोरेशन है। ब्रीथिंग आर्ट्स और टीएमयू भी भविष्य में यादगार कल्चरल प्रोग्राम्स कराते रहेंगे।

 

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