मानव अंगों की खरीद और वितरण के लिए प्रत्यारोपण कार्यक्रम (थोटा)- लागू

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नयी दिल्ली, 20  जुलाई ( पी आई बी )।  भारत सरकार ने राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और राज्य स्तर पर अंग व ऊतक प्रत्यारोपण संगठनों का एक नेटवर्क स्थापित करने और उन्हें प्रत्यारोपण व फिर से प्राप्त करने वाले अस्पतालों व ऊतक बैंकों के साथ जोड़ने के लिए और मृत दाताओं से अंगों व ऊतकों की खरीद और वितरण के लिए एक कुशल प्रणाली प्रदान करने के उद्देश्य से अंग व ऊतक दाताओं और प्राप्तकर्ताओं की एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम (एनओटीपी) लागू किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत नए अंगों व ऊतक प्रत्यारोपण व फिर से प्राप्त करने की सुविधाओं को स्थापित करने या उन्नयन करने व ऊतक बैंकों की स्थापना करने के लिए सहायता प्रदान की जाती है।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने गत दिवस राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में इसकी जानकारी दीं।

मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम (थोटा)- 1994 चिकित्सीय उद्देश्यों और मानव अंगों व ऊतकों के वाणिज्यिक लेनदेन की रोकथाम के लिए मानव अंगों व ऊतकों को हटाने, भंडारण और प्रत्यारोपण के नियमन का प्रावधान करता है। उपरोक्त अधिनियम के तहत कृत्रिम अंगों का विषय विनियमित नहीं है।

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की रिपोर्ट के अनुरूप पिछले दशक में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, क्रोनिक किडनी रोग और गैर-अल्कोहलिक फैटी लीवर जैसी जीवनशैली संबंधी बीमारियों में व्यापक बढ़ोतरी हुई है, जिससे अंग को नुकसान हो सकता है। इनमें एक बार अंतिम चरण के अंग की विफलता के बाद अंग प्रत्यारोपण की जरूरत हो सकती है।

 

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