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पिंडर घाटी के दो सुरम्य ट्रेकों को पर्यटन मानचित्र पर लाने की कबायद हुयी तेज

–रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट–
थराली, 8 जुलाई। घेस-बगजी-नागाड ट्रैक को विकसित करने एवं रतगांव -भैकलताल-ब्रहमतात ट्रैक को पर्यटन मानचित्र में सम्मिलित करने की कवायद तेज होने के बाद एक बार फिर से पिंडर घाटी में पर्यटन गतिविधियों में तेजी आने के आसपास बढ़ गऐ हैं।इन दोनों ट्रैकों पर यात्रियों की आमद बढ़ने से 2018 से पर्यटकों के लिए बंद रहस्मयी रूपकुंड की यात्रा पर प्रतिबंध के कुछ घाव दूर हो सकते हैं।


यूं तो पूरा चमोली जिले धर्माटन एवं पर्यटन के लिए मशहूर हैं।इसी के तहत तीन से चार दिनों की रहस्मयी रूपकुंड की यात्रा का अपना विशेष आकर्षण देशी, विदेशी पर्यटकों के बीच विशेष स्थान बनाएं हुए था। 2000 एवं 2014 में आयोजित विश्व प्रसिद्ध श्री नंदा देवी राजजात यात्रा के दौरान जिस तरह से मीडिया ने यात्रा एवं रूपकुंड यात्रा मार्ग की विशेषताओं को विश्व भर के लोगों के सामने प्रस्तुत किया उससे अचानक इस मार्ग पर देशी विदेशी पर्यटकों की आमद अचानक बढ़ गई। किंतु इसी बीच एक जनहित याचिका पर हाईकोर्ट नैनीताल ने 21 अगस्त 2018 के एक फैसले में बुग्यालों में रात्रि विश्राम पर प्रतिबंध लगा दिया।जिसका सीधा प्रभाव रूपकुंड ट्रैक पर पड़ा।

क्यूंकि वेदनी अथवा इसके आसपास बसें बुग्यालों में रात्रि विश्राम किए बगैर रूपकुंड की यात्रा संभव नही हैं। जिसके चलते पर्यटकों ने पिंडर घाटी के खुबसूरत पर्यटक स्थलों का रूख करना बंद कर दिया।इसी बीच कुछ पर्यटन प्रेमियों ने भैकलताल,ब्रहमताल ट्रैक के संबंध में प्रचार,प्रसार किया तों इस ट्रैक पर वर्ष भर पर्यटकों का आना-जाना शुरू हो गया। किंतु आज तक भी इस पर्यटन रूट को सरकार के द्वारा पर्यटन रूट के रूप में दर्ज नही किया हैं।
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थराली ब्लाक के रतगांव के सामाजिक कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप फरस्वाण की पहल पर थराली विधानसभा के विधायक भूपाल राम टम्टा ने भैकलताल , ब्रहमताल ट्रैक रूट को पर्यटन मानचित्र में प्रदर्शित करने का शुरुआत कर दी है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में यह रूट पयर्टन मानचित्र में प्रदर्शित हो जाएगा। जिससे पर्यटकों की आमद बढ़ने की संभावना बढ़ गई हैं।
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पिछले साल 2022-23 में राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने घेस-बगजी-नागड़ ट्रैक को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए इस रूट को ट्रैक ऑफ दा ईयर घोषित की था। जिससे पिछले वर्ष इस ट्रैक पर कई पर्यटकों ने इस क्षेत्र में आ कर प्राकृतिक सौंदर्य का दीदार किया।जिसें माना जाने लगा है कि दो नए पर्यटन रूट विकसित होने से पिंडर घाटी में पर्यटकों की आमद बढ़ सकती हैं। सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व डिप्टी रेंजर त्रिलोक सिंह बिष्ट एवं प्रसिद्ध पर्यटन व्यवसाई इंद्र सिंह राणा ने बताया कि बंद पड़े रूपकुंड ट्रैक को पुनः खोलने के भी प्रयास किए जा रहें हैं। अगर प्रसिद्ध रूपकुंड ट्रैक पर पुनः यात्रा की अनुमति मिल जाती हैं तो।इस क्षेत्र में पर्यटन के बल बूते सैकड़ों लोग को स्वरोजगार मिल सकता हैं।
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पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के द्वारा अपने कार्यकाल में हिमनी एवं घेस गांव का दो बार भ्रमण किया उन्होंने इस क्षेत्र को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार अर्जुन बिष्ट ने बताया कि 10 अक्टूबर 2017 में हिमनी में सीएम रावत ने घेस घाटी में संचार व्यवस्था सुदृढ़ करने,इस क्षेत्र को ग्रिट की बिजली से जोड़ने की घोषणा की थी और आज दोनों घोषणाएं पूरी हो गई है। किंतु उनके द्वारा उसी समय घेस के वन विभाग के विश्राम गृह को अपग्रेड करने की घोषणा भी की थी ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को बेहतरीन आवासीय सुविधा मिल सके किंतु अभी तक भी यह घोषणा मूर्त रूप नही ले पाई है।
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आज शनिवार चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना पूरे प्रशासन दल-बल के साथ घेस-बगजी-नागड़ ट्रैक पर ट्रैकिंग का आनंद लेते हुए, इस ट्रैक को किस तरह से विकसित किया जाए कि अधिकाधिक पर्यटकों को इस पर्यटन रूट की ओर आकर्षित किया जा सके इस पर पर्यटन ,वन विभाग सहित अन्य आलाधिकारियों के साथ बैठ कर संभावनाओं पर मंथन करेंगे। ट्रैकिंग शुरू करने के तहत डीएम शुक्रवार से ही घेस गांवों में रूके हुए हैं।

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