वन रैंक, वन पेंशन’ के तहत सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों की पेंशन में पुनरीक्षण को 1 जुलाई 2019 से मंजूरी
The Government took a historic decision to implement OROP for the Defence Forces Personnel/family pensioners and issued policy letter on November 07, 2015 for revision of pension w.e.f. July 01, 2014. In the said policy letter, it was mentioned that in future, the pension would be re-fixed every 5 years. Approx. Rs 57,000 crore has been spent @Rs 7,123 crore per year in eight years in the implementation of OROP.
-उत्तराखंड हिमालय ब्यूरो –
नई दिल्ली, 24 दिसंबर । केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (ओआरओपी) के तहत सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों की पेंशन में पुनरीक्षण को 01 जुलाई, 2019 से मंजूरी दे दी है। पूर्व पेंशनभोगियों की पेंशन कैलेंडर वर्ष 2018 में समान सेवा अवधि के साथ समान रैंक में रक्षा बल के सेवानिवृत्त कर्मियों की न्यूनतम और अधिकतम पेंशन के औसत के आधार पर फिर से निर्धारित की जाएगी।
लाभार्थी
30 जून, 2019 तक सेवानिवृत्त होने वाले सशस्त्र बलों के कार्मिकों {01 जुलाई, 2014 से समय-पूर्व (पीएमआर) सेवानिवृत्त होने वाले को छोड़कर} को इस पुनरीक्षण के तहत कवर किया जाएगा। 25.13 लाख से अधिक (4.52 लाख से अधिक नए लाभार्थियों सहित) सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों को लाभ होगा। निर्धारित औसत से अधिक पेंशन पाने वालों की पेंशन को संरक्षित किया जाएगा। यह लाभ युद्ध में शहीद होने वाले सैन्य कर्मियों की विधवाओं और दिव्यांग पेंशनरों सहित पारिवारिक पेंशनरों को भी दिया जाएगा।
बकाये का भुगतान चार छमाही किस्तों में किया जाएगा। हालांकि, विशेष/उदारीकृत पारिवारिक पेंशन पाने वालों और वीरता पुरस्कार विजेताओं सहित सभी पारिवारिक पेंशनभोगियों को एक किस्त में बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा।
व्यय
पुनरीक्षण के कार्यान्वयन से 8,450 करोड़ रुपये @ 31 प्रतिशत महंगाई राहत (डीआर) का अनुमानित वार्षिक व्यय होगा। 01 जुलाई, 2019 से लेकर 31 दिसंबर, 2021 तक के बकाये की गणना 01 जुलाई, 2019 से लेकर 30 जून, 2021 की अवधि के लिए डीआर @ 17 प्रतिशत और 01 जुलाई, 2021 से लेकर 31 दिसंबर, 2021 तक की अवधि के लिए @ 31 प्रतिशत के आधार पर की गई है और यह राशि 19,316 करोड़ रुपये से अधिक है। 01 जुलाई, 2019 से लेकर 30 जून, 2022 तक कुल बकाया राशि लागू महंगाई राहत के अनुसार लगभग 23,638 करोड़ रुपये की होगी। यह व्यय ओआरओपी के मद में हो रहे व्यय के अतिरिक्त है।
01 जुलाई 2019 से ओआरओपी के तहत रैंक के अनुसार सेवा पेंशन में संभावित अनुमानित वृद्धि (रुपये में):
रैंक | 01.01.2016 तक पेंशन | 01.07.2019 से प्रभावी संशोधित पेंशन | 01.07.2021 से प्रभावी संशोधित पेंशन | 01.07.2019 से 30.06.2022 तक संभावित बकाया |
सिपाही | 17,699 | 19,726 | 20,394 | 87,000 |
नायक | 18,427 | 21,101 | 21,930 | 1,14,000 |
हवलदार | 20,066 | 21,782 | 22,294 | 70,000 |
नायब सूबेदार | 24,232 | 26,800 | 27,597 | 1,08,000 |
सूबेदार मेजर | 33,526 | 37,600 | 38,863 | 1,75,000 |
मेजर | 61,205 | 68,550 | 70,827 | 3,05,000 |
लेफ्टिनेंट कर्नल | 84,330 | 95,400 | 98,832 | 4,55,000 |
कर्नल | 92,855 | 1,03,700 | 1,07,062 | 4,42,000 |
ब्रिगेडियर | 96,555 | 1,08,800 | 1,12,596 | 5,05,000 |
मेजर जनरल | 99,621 | 1,09,100 | 1,12,039 | 3,90,000 |
लेफ्टिनेंट जनरल | 1,01,515 | 1,12,050 | 1,15,316 | 4,32,000 |
पृष्ठभूमि
सरकार ने रक्षा बलों के कार्मिकों/पारिवारिक पेंशनभोगियों के लिए वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) को लागू करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया और 01 जुलाई, 2014 से पेंशन में पुनरीक्षण के लिए 07 नवंबर, 2015 को नीति पत्र जारी किया। उक्त नीति पत्र में, यह उल्लेख किया गया था कि भविष्य में पेंशन हर पांच वर्ष में फिर से निर्धारित की जाएगी। ओआरओपी के कार्यान्वयन में आठ वर्षों में प्रति वर्ष 7,123 करोड़ रुपये की दर से लगभग 57,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।