गोष्ठी में समाज में मिलजुल कर कार्य करने की परम्परा को मजबूत करने पर बल दिया

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गोपेश्वर, 30 जून (उहि)। हमारे समाज में मिलजुल कर कार्य करने की परम्परा काफी मजबूत रही है। चाहे वह कृषि संबंधित कार्य हो या कोई पारिवारिक, सामाजिक अथवा सांस्कृतिक कार्य हो। इनमें परस्पर सहभागिता होनी आवश्यक है। तभी सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। साथ ही समाज सामूहिक रूप से कार्य करने की भावना एवं जरूरत हमें परिवार गांव और समाज में समूह बनाकर रहने के लिए हमें प्रेरित करती है।

यह बात हिमाद कार्यालय गोपेश्वर में किसान उत्पादक सुगम कार्यकर्ताओं, विकास कार्यकर्ताओं एवं सहकारिता के पदाधिकारियों के कौशल मासिक समीक्षा बैठक में हिमाद के सचिव उमाशंकर बिष्ट ने कही। उन्होंने कहा कि पारस्परिक लाभ एवं सामूहिक जीविकोपार्जन के लिए समूह मुख्य आधार है तथा समूह की आवश्यकता हमारे दैनिक जीवन से जुड़ी होती है। इसलिए समूह में कार्य करने वाले सदस्यों की क्षमता का विकास होना नितांत आवश्यक है।
इस अवसर उन्होंने किसान उत्पादक समूह को स्थानीय कृषि उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ ही पहाड़ी कृषि उत्पादनो के महत्व की जानकारी भी दी। साथ ही उन्होंने हिमोत्थान सोसाइटी देहरादून एवं टाटा ट्रस्ट के माध्यम से ग्राम स्तर पर किसान उत्पादक समूह को दी जाने वाली तकनीकी जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर हिमाद की बाल समन्वयक प्रभा रावत ने कहा कि बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण के लिए मिशन वात्सल्य योजना के तहत हिमाद समिति चाइल्ड हेल्पलाइन चमोली के माध्यम से 1098 टोल फ्री नंबर का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से आमजन समेकित बाल सुरक्षा कार्यक्रम, किशोर न्याय (बालकों) की देखरेख और संरक्षण अधिनियम बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड के प्रावधानों की जानकारी दी जा रही है। साथ ही बच्चों की उचित देखभाल एवं संरक्षण के लिए प्रेरित करने का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को मादक द्रव्यों के सेवन से रोकने के लिए विकास कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका होनी चाहिए।
हिमाद के मध्य हिमालयी पशुधन पहल परियोजना के सह समन्वयक भूपेंद्र गुसाई ने परियोजना की जानकारी देते हुए कहा कि उत्पादक संगठन के सदस्यों की आय वृद्धि हेतु पशुपालन, कृषि बागवानी आधारित उत्पादो का उत्पादन कराकर उनके बाजारीकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करना तथा ग्रामीणों को लघु वित्त एवं लघु ऋण सुविधा उपलब्ध करवाना, ऋण सेवाएं जिसमें बीमा सेवाएं, एवं सभी प्रकार की वित्तीय सेवाऐ सम्मिलित, इसके साथ ही घरेलू कुटीर उद्योगों की स्थापना एवं प्रबंध करना, मौनपालन कृषि, बागवानी, पशुपालन एवं कुटीर उद्योगों से उत्पादित वस्तुओं का क्रय एवं विक्रय करना, डेयरी विकास कार्यक्रमों को संचालित करना होगा।
बैठक में जैविक खेती कार्यक्रम के समन्वयक बहादुर सिंह रावत ने कहा कि ऊर्गम क्षेत्र में जैविक खेती के लिए चयनित किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ ही वन पंचायतों के सदस्य एवं वनाधिकार समितियों के सदस्यों को जानकारी देकर सक्रिय करण किया जा रहा है।
बैठक में हिमाद द्वारा संचालित मिशन पल्सेस के समन्वयक नवीन बिष्ट ने कहा कि ही हिमोत्थान, टाटा ट्रस्ट एवं राष्ट्रीय आजीविका मिशन प्रबंध इकाई कर्णप्रयाग के सहयोग से नौटी क्षेत्र के 15 गांव में किसान उत्पादक समूह, स्वयं सहायता समूह, ग्राम संगठनो एवं कलस्टर स्तर नंदा स्वायत्त सहकारिता का गठन किया गया है। इनके माध्यम से डेयरी व्यवसाय, फल प्रस्करण, मुर्गी पालन, पशुपालन, बकरी पालन, से संबंधित जीविकोपार्जन गतिविधियों से समूह सदस्यों को जोड़ा जा रहा है। साथ ही कृषि विभाग के माध्यम से समूह सदस्यों को फार्म मशीनरी योजना से भी लाभान्वित किया जा रहा है।
बैठक में अनीता, दीपक नेगी, पंकज पुरोहित, मनोज कठैत, विनोद ममगाईं, हेमा देवी, काजल रावत, पुष्कर लाल, तेजेन्द्र नेगी, अनिल सती, भूपेंद्र कुमई, लीला देवी, संदीप चौहान, संतोषी बिष्ट, राजेश्वरी देवी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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