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वर्षांत समीक्षा-2021: डाक विभाग : ग्रामीण क्षेत्रों के 98,454 डाकघरों सहित कुल 1.43 लाख डाकघरों में पोस्टमैन मोबाइल एप लागू :Election Commission of India ties up with Department of Posts for delivery of Electors Photo Identity Card through Speed Post across the country

डाक विभाग (डीओपी) 150 से अधिक वर्षों से देश के संचार का मजबूत स्तंभ रहा है और इसने देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह कई तरह से भारतीय नागरिकों के जीवन से जुड़ा है: जैसे डाक पहुंचाना, छोटी बचत योजनाओं के तहत जमा स्वीकार करना, डाक जीवन बीमा (पीएलआई) और ग्रामीण डाक जीवन बीमा (आरपीएलआई) के तहत जीवन बीमा कवर प्रदान करना और बिल जमा करने, फॉर्मों की बिक्री जैसी खुदरा सेवाएं प्रदान करना। डाक विभाग महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में मजदूरी वितरण और वृद्धावस्था पेंशन भुगतान जैसी अन्य सेवाओं के निर्वहन में भारत सरकार के लिए एक एजेंट के रूप में भी कार्य करता है। डाक विभाग के लिए वर्ष के अंत की समीक्षा वर्ष 2021 में विभाग की विभिन्न पहलों की उपलब्धियों और उनकी प्रगति पर प्रकाश डालती है।

 

1आपूर्ति श्रृंखला और ई-कॉमर्स: मेल, एक्सप्रेस सेवाएं और पार्सल:

 

  • डिलीवरी के सही समय का अपडेशन: ग्रामीण क्षेत्रों में 98,454 डाकघरों सहित 1.43 लाख डाकघरों में पोस्टमैन मोबाइल ऐप लागू किया गया। पोस्टमैन मोबाइल ऐप के माध्यम से जनवरी से अक्टूबर, 2021 तक स्पीड पोस्ट से 47.5 करोड़ डाक की रीयल टाइम डिलीवरी की स्थिति और पंजीकृत लेख तैयार किया गया।

 

  • 98% लेटर बॉक्स विभागीय डाकघरों से जुड़े हुए हैं जिसे “नान्याथा” नामक मोबाइल ऐप के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरेंस के तहत कवर किया गया है।

 

  • डाक विभाग के एक प्रमुख उत्पाद “स्पीड पोस्ट” से जनवरी 2021 से अक्टूबर 2021 की अवधि के दौरान 34.97 करोड़ डाक की आवाजाही से 1413.34 करोड़ रुपये की कमाई हुई।

 

  • डाक विभाग विकल्प मिलने के बाद से यूआईडीएआई का एकमात्र वितरण भागीदार है। डाक विभाग जनवरी 2013 से नवंबर 2021 तक 166.73 करोड़ आधार कार्ड साधारण डाक से और 1.56 करोड़ आधार पीवीसी कार्ड स्पीड पोस्ट के माध्यम से वितरित कर चुका है।

 

  • डाक विभाग ने एलआईसी द्वारा जारी पॉलिसी बांडों की छपाई और वितरण के लिए इसे मुद्रित करने से लेकर डाक द्वारा इसे भेजने तक के संपूर्ण समाधान प्रदान करने के लिए भारत के एलआईसी के साथ एक समझौता किया है। इसके तहत 2 करोड़ से अधिक पॉलिसी बांडों को मुद्रित करने, स्पीड पोस्ट से इसे भेजने और सही जगह तक पहुंचाने का काम करना होता है जिससे डाक विभाग को प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई होती है।

 

  • डाक विभाग ने स्पीड पोस्ट के माध्यम से चुनाव या फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) के वितरण के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के साथ समझौता किया है। प्रारंभिक चरण में, निर्वाचन आयोग स्पीड पोस्ट के माध्यम से डिलीवरी के लिए 6-7 करोड़ चुनाव या फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) प्रदान करेगा जिससे एक साल में लगभग 100 करोड़ रुपये की आमदनी होगी।

 

  • डाक विभाग ने देश भर में लगभग 1263 कार्यरत मेल मोटर सर्विसेज (एमएमएस) वाहनों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगाया है और 24X7 नियंत्रण कक्ष वाले सभी पोस्टल सर्किलों में एमएमएस संचालित वाहनों के लिए पीएस आधारित ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम भी लागू किया है।

 

  • अंतर-राज्यीय संपर्क में सुधार के लिए जम्मू और कश्मीर पोस्टल सर्कल के लिए 17 अतिरिक्त नए एमएमएस वाहन खरीदे गए हैं।

 

  • चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान विभिन्न सर्किलों में खराब पड़े वाहनों की जगह 75 नए वाहन लाए गए हैं।

 

  • इलेक्ट्रॉनिक उन्नत डेटा (ईएडी) के आदान-प्रदान के लिए 120 से अधिक देशों के साथ एक बहुपक्षीय समझौता किया गया है। इस समझौते से अंतर्राष्ट्रीय डाक वस्तुओं के गंतव्य देश में उनके भौतिक रूप से आगमन से पहले ही इलेक्ट्रॉनिक सीमा शुल्क डेटा को पहुंचाने में मदद मिलेगी। यह डाक वस्तुओं की तेजी से सीमा शुल्क निकासी को भी संभव बनाएगा।

 

  • प्राइम यूनाइटेड स्टेट्स पोस्टल सर्विसेज (यूएसपीएस) ट्रैक्ड सर्विस समझौते पर भारतीय डाक और यूएसपीएस ने हस्ताक्षर किए हैं। इससे ग्राहकों की किफायती और ट्रैक करने में सक्षम सेवा की मांग पूरी हो सकेगी। इससे भारतीय डाक को मेल सर्विसेज बढ़ाने और इस तरह राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी।

 

  • अंतर्राष्ट्रीय वस्तुओं की सीमा शुल्क निकासी को सरल और आसान बनाने के लिए डाक विभाग स्वचालित पोस्टल बिल ऑफ एक्सपोर्ट (पीबीई) सॉफ्टवेयर विकसित कर रहा है। स्वचालित (पीबीई) सॉफ्टवेयर का पहला संस्करण विकसित कर लिया गया है और इसका उत्पादन शुरू होने वाला है। यह डिजिटल मोड में सीमा शुल्क निकासी को सक्षम करके डाक चैनल के माध्यम से वाणिज्यिक निर्यात की प्रक्रिया को आसान बनाएगा। इस सॉफ्टवेयर के लागू होने के बाद वाणिज्यिक निर्यात की बुकिंग अधिसूचित स्थानों तक ही सीमित नहीं रहेगी।

 

  • संचार राज्य मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केंद्र (आईबीसी) सूरत का उद्घाटन 03.11.21 को किया था। यह वाणिज्यिक निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र में एक बहुत ही आवश्यक मंच प्रदान करेगा और निर्यातकों की मांगों को पूरा करेगा।

 

  • कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान डाक विभाग ने सीमा शुल्क अधिकारियों के साथ मिलकर विदेश से डाक के माध्यम से प्राप्त कोविड से संबंधित आपातकालीन शिपमेंट जैसे ऑक्सीजन सांद्रक, उपकरण, दवाएं आदि की निकासी, प्रसंस्करण और वितरण की सुविधा प्रदान की। ऐसे शिपमेंट की निकासी और तेजी से वितरण की सुविधा के लिए डाक भवन और एक्सचेंज के सभी कार्यालयों में एक कोविड हेल्पडेस्क स्थापित किया गया था।

 

2. बैंकिंग सेवाएं और वित्तीय समावेशन:

 

  • बड़े पैमाने पर जनता का डिजिटल वित्तीय सशक्तिकरण: डाक विभाग देश भर में 1.56 लाख डाकघरों के माध्यम से 29.29 करोड़ से अधिक सक्रिय डाक घर बचत बैंक (पीओएसबी) खातों का संचालन करता है। डाकघर बचत बैंक (पीओएसबी) योजनाओं में 12,56,073 करोड़ रुपये का बकाया बैलेंस है। कुल मिलाकर, 1.67 करोड़ नए खाते खोले गए और इनमें 4.71 लाख करोड़ रुपये जमा कराए गए, लगभग 3.48 लाख करोड़ की निकासी की गई और इस प्रकार सीबीएस (कोर बैंकिंग सर्विस) डाकघरों में लगभग 8.19 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ। नतीजतन, अप्रैल, 2021 से सीबीएस डाकघरों में 51.45 लाख नए खाते खुले और 1,22,851 करोड़ रुपये की शुद्ध राशि जमा की गई। डाकघर सीबीएस सिस्टम दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है, जिसमें 24,971 कार्यालय पहले से ही इस नेटवर्क में मौजूद हैं। इसके अलावा 1,29,219 शाखा डाकघरों को भी वास्तविक समय के आधार पर नेटवर्क तक पहुंचने में सक्षम बनाया गया है। सीबीएस ने डाक विभाग (डीओपी) को एटीएम, इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से चौबीसों घंटे सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाया है।

 

  • ग्रामीण आबादी का वित्तीय सशक्तिकरण: वित्त मंत्रालय की सभी 9 लघु बचत योजनाएं 1.56 लाख डाकघरों में उपलब्ध हैं। इनमें से 5 योजनाएं यथा मासिक आय योजना, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, सार्वजनिक भविष्य निधि, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र और किसान विकास पत्र बीओएस (शाखा डाकघरों) में शुरू की गई हैं। गांवों में रहने वाले लोगों को डाकघर बचत बैंक (पीओएसबी) से लेनदेन करने के लिए शहरों में आने की आवश्यकता नहीं होगी। यह सुविधा उनके घर के पास स्थानीय शाखा डाकघरों के माध्यम से उपलब्ध होगा।

 

  • बालिका का आर्थिक सशक्तिकरण: सुकन्या समृद्धि खाता (एसएसए) योजना को बालिका समृद्धि योजना के रूप में भी जाना जाता है। इसकी शुरूआत 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा राज्य के पानीपत में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रऐ मोदी ने की थी। सुकन्या समृद्धि खाता योजना बालिकाओं के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करती है। इस योजना ने उन्हें उचित शिक्षा, शादी के खर्च और उनके भविष्य को सुरक्षित करने में मदद की है। सुकन्या समृद्धि खाता किसी भी डाकघर में खोला जा सकता है। डाकघर विभाग द्वारा सुकन्या समृद्धि योजना की शुरूआत के बाद से अक्टूबर, 2021 तक कुल 2.26 करोड़ सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए हैं जिनमें 80,509.29 करोड़ रुपये जमा हैं। देश में कुल सुकन्या समृद्धि खातों का 86% केवल डाकघरों के माध्यम से खुले हैं।

 

  • उचित दरों पर जनता का बीमा और पेंशन कवरेज: प्रधानमंत्री ने मई 2015 में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) नाम से प्रधानमंत्री जन सुरक्षा योजनाएं शुरू की। डाक विभाग भारत सरकार की इन प्रमुख योजनाओं के तहत सक्रिय भूमिका निभा रहा है। डाक विभाग ने अब तक 3.47 लाख अटल पेंशन योजना (एपीवाई), 7.54 लाख प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) (वार्षिक ऑटो नवीनीकरण सहित) और 1.38 करोड़ प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) (वार्षिक ऑटो नवीनीकरण सहित) दिलवाई।

 

 

3. डाक जीवन बीमा (पीएलआई) / ग्रामीण डाक जीवन बीमा (आरपीएलआई):

 

  • दावेदार के लिए पीएलआई/आरपीएलआई में मृत्यु दावा मामलों की अस्वीकृति के खिलाफ अपील दायर करने के लिए एक प्रावधान पेश किया गया है।

 

  • “संकलन” एक ई-संग्रह जिसमें डाकघर जीवन बीमा नियम 2011, विभिन्न मानक संचालन प्रक्रियाएं, फॉर्म आदि शामिल हैं, को पीएलआई दिवस के अवसर पर अर्थात 01.02.2021 को जारी किया गया था। इसका उद्देश्य डाकघर के विभिन्न कार्यालयों में काम करने वाले अधिकारियों के कामकाज को आसान बनाने के साथ ही ग्राहकों द्वारा इसका उपयोग करने के लिए इसे उपलब्ध कराना है। यह वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।

 

  • डाक घर जीवन बीमा नियम, 2011 के नियम 61 में संशोधन किया गया है, जिसमें आत्महत्या के कारण मृत्यु पर दावे के निपटान के लिए दो (2) वर्ष की सीमा को घटाकर एक (1) वर्ष कर दिया गया है।

 

  • पीएलआई और आरपीएलआई का व्यावसायिक प्रदर्शन: 31.10.2021 तक कुल 100.51 लाख सक्रिय पीएलआई और आरपीएलआई पॉलिसिया थीं, जिनकी कुल बीमा राशि 2.32 लाख करोड़ रुपये है।

 

  • पीएलआई और आरपीएलआई फंड के निवेश कार्य: पीएलआई/आरपीएलआई पॉलिसियों का कुल कोष 31.10.2021 तक 1.27 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

 

  • बीमा ग्राम योजना : जनवरी 2021 से अक्टूबर 2021 तक 6,657 गांवों को बीमा ग्राम योजना (बीजीवाई) के दायरे में लाया गया है। प्रत्येक बीमा ग्राम योजना गांव में कम से कम 100 परिवारों के पास एक आरपीएलवाई पॉलिसी है।

 

  • ग्राहक डाकघर जाए बिना डाक जीवन बीमा पॉलिसियां ​​ऑनलाइन खरीद सकते हैं। पीएलआई किस्त के भुगतान के कई विकल्प और परिपक्वता / समर्पण / बंद हुए पॉलिसी को चालू करने (सर्वाइवल) / मृत्यु / ऋण जैसे वितरण की सुविधा के लिए डाकघर बचत बैंक (पीओएसबी) के साथ गहन एकीकरण किया गया है, जिसमें पॉलिसी धारक स्थायी निर्देश (एसआई), पीओएसबी ई-बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग सुविधा का उपयोग कर सकते हैं और डाकघर एटीएम सुविधाओं का भी उपयोग कर सकते हैं। ऑनलाइन प्रीमियम भुगतान के लिए सिस्टम में मल्टीपल पेमेंट गेटवे भी शुरू किए गए हैं।

 

  • डिजिटल प्रारूप में पीएलआई / आरपीएलआई पॉलिसी बांड अब डिजिलॉकर के माध्यम से पॉलिसी धारकों के लिए उपलब्ध हैं।

 

4. नागरिक केंद्रित सेवाएं:

  • डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके): नागरिकों को पासपोर्ट की बढ़ती आवश्यकता के साथ विदेश मंत्रालय और डाक विभाग ने डाकघरों में डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) स्थापित करने के लिए पारस्परिक रूप से सहमति व्यक्त की है ताकि पासपोर्ट सेवाएं प्रदान करने के लिए डाकघरों की पहुंच और उसकी अवसंरचना का इस्तेमाल हो सके। अब तक 428 डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीओपीएसके) चालू किए जा चुके हैं, जिनमें से दो पीओपीएसके साल 2021 में खोले गए हैं, अर्थात् (i) डोंबिवली, महाराष्ट्र और (ii) एकमा, बिहार। जनवरी, 2021 से अक्टूबर, 2021 तक पीओपीएसके के माध्यम से पासपोर्ट के 12,01,360 आवेदनों पर काम किया गया है।

 

  • आधार नामांकन और अद्यतन केंद्र: इस सुविधा ने नागरिकों को नया आधार बनाने और किसी भी परिवर्तन / गलती सुधार के मामले में अपने आधार कार्ड को अद्यतन कराना आसान कर दिया है। आधार से जुड़े कार्य करने के लिए 42,000 से अधिक डाक अधिकारियों /एमटीएस /जीडीएस को प्रशिक्षित / प्रमाणित किया गया है। आधार नामांकन नि:शुल्क किया जाता है। देश भर में 13,352 डाकघर आधार केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों द्वारा जनवरी, 2021 से अक्टूबर, 2021 तक नामांकन / अद्यतन के लिए 1,49,50,803 अनुरोधों पर काम किया गया है।

 

  • प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी): जनवरी, 2021 से अक्टूबर, 2021 तक की अवधि के दौरान कुल 3607 करोड़ रुपये के 3.29 करोड़ से अधिक लेनदेन किए गए। विभिन्न मंत्रालयों की 275 से अधिक योजनाओं का लाभ दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों सहित कई लाभार्थियों को प्रदान किया गया।

 

  • डिजिटल समावेशन: 1,29,252 शाखा डाकघर सिम आधारित हैंडहेल्ड प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं।

 

  • नए भारत के लिए ग्रामीण डाकघरों का डिजिटल विकास (डीएआरपीएएन-दर्पण): देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 1,29,252 लाख शाखा डाकघरों के माध्यम से जनवरी, 2021 से अक्टूबर, 2021 तक की अवधि में कुल 19,402/- करोड़ रुपये के ऑनलाइन डाक और वित्तीय लेनदेन किए गए। डीएआरपीएएन-दर्पण उपकरणों के माध्यम से प्रति माह 1.95 करोड़ से अधिक लेनदेन हो रही हैं।

 

  • पीओ-सीएससी (डाकघर-सामान्य सेवा केंद्र): विभिन्न नागरिक केंद्रित सेवाओं के प्रभावी वितरण के लिए डाकघरों और सामान्य सेवा केंद्रों का मिलान डाक विभाग के पांच वर्षीय विजन दस्तावेज़ (2019-24) का एक हिस्सा है। तदनुसार, 91867 डाकघर अब सीएससी के डिजिटल सेवा पोर्टल के माध्यम से सीएससी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

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