मार्क्सवादी नेता का आरोप- मोदी शासन काल में 4 लाख मजबूरों ने आत्म हत्याएं की
देहरादून 22 अगस्त । मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की केन्द्रीय कमेटी के सदस्य एवं पार्टी राज्य प्रभारी कामरेड बीजू कृष्णन ने कहा कि मोदी सरकार का कार्यकाल आमजन के लिऐ बहुत कष्टकारी साबित हुआ है । मोदी शासन के 9 सालों में 4 लाख लोगों ने आत्म हत्या की।
वरिष्ठ माकपा नेता बीजूकृष्णन मंगलवार को देहरादून में आयोजित एक दिवसीय उत्तराखण्ड राज्य कमेटी द्वारा आयोजित बैठक में अपने विचार रख रहे थे ।बैठक सीपीएम राज्य कार्यालय में सम्पन्न हुई जिसकी अध्यक्षता कामरेड एस एस सजवाण ने की तथा बैठक का संचालन राज्य सचिव कामरेड राजेन्द्र सिंह नेगी ने किया। बैठक से पूर्व आपदा में मारे गये लोगों के सम्मान में दो मिनट का मौन रखा गया ।
अपने सम्बोधन में बीजूकृष्ण ने कहा है कि मोदी सरकार के कार्यकाल मे लगभग 4 लाख लोगों ने आत्महत्या की जिनमें 2लाख 50 हजार मजदूर ,एक लाख किसान तथा 50 हजार बेरोजगार शामिल थ और अपुष्ट आंकड़े कई गुना अधिक हो सकते हैं ।
उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार की कारपोरेट परस्त नीतियों ने देश को तबाह करके रख दिया है तथा साम्प्रदायिक एवं फूटपरस्त नीतियों ने आमजन में भारी अविश्वास का वातावरण तैयार कर दिया ।सरकार ने तमाम संवैधानिक संस्थाओं या तो कमजोर किया या फिर अपने निहित स्वार्थ के लिऐ विरोधी विचारों को दबाने के लिऐ दुरूपयोग किया ।महगांई ,बेरोजगारी तथा भ्रष्टाचार मोदी सरकार के कार्यकाल में चरम पर है ।उन्होंने कहा अगस्त माह में तमाम मुद्दे को लेकर पार्टी ने देशभर ज्वलंत मुद्दों पर हस्तक्षेप किया जिसमें मणिपुर कि जनता के साथ एकजुटता तथा नूह में मोदी सरकार द्वारा रचित साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश का देशव्यापी भण्डाफोड़ किया गया ।
राज्य की घटनाओं पर वक्ताओं ने चिन्ता व्यक्त करते हुये उत्तराखण्ड में बढ़ रही साम्प्रदायिक तनाव की घटनाओं तथा धामि सरकार द्वारा तनाव फैलाने वालों पर चिन्ता व्यक्त करते हुऐ पुरोला सहित विकासनगर तथा सहसपुर आदि तनाव घटनाओं पर पार्टी के पर हस्तक्षेप पर चर्चा कि गयी । आपदा पीड़ितों की समस्याओं पर पार्टी इकाईयों के हस्तक्षेपों वक्ताओं ने अपनी बात रखी ।
बैठक में राज्य में मजबूत पार्टी के निर्माण का संकल्प लिया ।
इस अवसर पर कामरेड गंगाधर नौटियाल ,राजेन्द्र पुरोहित ,महेन्द्र जखमोला ,भूपालसिंह रावत ,शिवप्रसाद देवली ,विरेन्द्र गोस्वामी ,अनन्त आकाश ,कमरूद्दीन ,लेखराज ,माला गुरूंग, दमयंती नेगी ,उमा नौटियाल,आर पि जखमोला, आर पी जोशी , सुरेंद्र रावत, नितिन मलेठा ,हिमान्शु आदि ने विचार व्यक्त किये ।