पिंडर घाटी का संकट है कि जाने को तैयार नहीं!

-हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट –
थराली/देवाल। पिंडर घाटी में भूस्खलन और भू-धंसाव का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार देर रात बिना बारिश के ही विकासखंड मुख्यालय देवाल के सेलखोला तोक में अचानक हुए भू-धंसाव और भूस्खलन से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। सुरक्षा की दृष्टि से रातोंरात 10 परिवारों के ग्रामीणों को अपने घर छोड़कर देवाल बाजार और अन्य सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। वहीं, देवाल के ही पूर्णा गांव के कुछ परिवारों ने अपने मकानों के आसपास लगातार हो रहे भूस्खलन से बचने के लिए जीएमवीएन गेस्टहाउस में शरण ली है।
सेलखोला गांव के ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार रात करीब 11 बजे अचानक गांव के पीछे भू-धंसाव शुरू हो गया। मलवा मकानों की ओर तेजी से बढ़ने लगा, जिसके कारण यादव चंद्र मिश्रा, मनोज कुमार, पंकज मिश्रा, राजा आनंद मिश्रा, हेम मिश्रा, दीप चंद्र मिश्रा, विनायक मिश्रा, दिनेश मिश्रा, चित्रांश मिश्रा और कमलेश मिश्रा समेत कई परिवारों को अपने घर खाली करने पड़े।

ग्राम प्रधान कविता मिश्रा ने बताया कि पिछले दो सप्ताह से गांव के पीछे लगातार भू-धंसाव हो रहा है और इस दौरान यहां से पानी भी रिसने लगा। भू-धंसाव का दायरा बढ़ने पर भूस्खलन भी शुरू हो गया, जिससे विनायक मिश्रा के मकान की दीवार टूट गई और कई ग्रामीणों के खेत मलबे में दबकर टूट गए। एक प्रतीक्षालय और पौराणिक जलस्रोत को भी नुकसान पहुंचा है।
गांव के युवा विनायक मिश्रा के अनुसार, सोमवार रात भू-धंसाव के साथ अचानक पानी का बहाव भी तेज हो गया, जो घरों में घुसने लगा। इससे पूरे गांव में दहशत फैल गई और लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए
विधायक का निरीक्षण
थराली के विधायक भूपाल राम टम्टा ने आपदा प्रभावित पूर्णा गांव और सेलखोला का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित परिवारों की समस्याओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है। विधायक ने आश्वासन दिया कि पूर्णा, सेलखोला समेत अन्य संवेदनशील गांवों का व्यापक सर्वेक्षण कर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इस दौरान भाजपा मंडल अध्यक्ष उमेश मिश्रा, महामंत्री नरेंद्र बागड़ी, विधायक प्रतिनिधि सुरेंद्र बिष्ट और भानु कुनियाल भी मौजूद रहे।
प्रशासन की व्यवस्था
प्रशासन ने तत्काल राहत की व्यवस्था करते हुए सेलखोला गांव के 10 आपदा प्रभावित परिवारों को देवाल बाजार स्थित एक निजी होटल में शिफ्ट किया है। वहीं पूर्णा गांव के 15 प्रभावित परिवारों को जीएमवीएन गेस्टहाउस में ठहराया गया है। जल संस्थान को निर्देश दिया गया है कि सेलखोला गांव के पीछे से निकल रहे पानी को पाइपों के माध्यम से पास के नाले में डाला जाए।
इसके अलावा 23 अगस्त से कुलसारी स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज में राहत शिविर चल रहा है, जिसमें 55 से 60 लोग रह रहे हैं। चेपड़ो में भी 40 लोग राहत शिविर में शरण लिए हुए हैं।
— पंकज भट्ट, उपजिलाधिकारी थराली
