उत्तराखंड में नवरात्र में मिलावटी कुट्टू आटे पर सख्ती, एफ़डीए ने शुरू किया विशेष अभियान
देहरादून, 12 सितम्बर। नवरात्र और त्योहारी सीजन को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने उपभोक्ताओं की सेहत को प्राथमिकता देते हुए मिलावटी कुट्टू आटे के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफ़डीए) ने कुट्टू आटे की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। एफ़डीए आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि नवरात्र के दौरान उपवास में व्यापक रूप से उपयोग होने वाले कुट्टू के आटे को अब बिना लाइसेंस या पंजीकरण के बेचना प्रतिबंधित होगा। यह केवल सीलबंद पैकिंग में बेचा जाएगा, ताकि उपभोक्ताओं को सुरक्षित और मानक उत्पाद मिले। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य
डॉ. कुमार ने सभी प्रभारियों, सहायक आयुक्तों और अभिहित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नवरात्र के दौरान कुट्टू आटे के निर्माण, पैकिंग, भंडारण, वितरण और विक्रय में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006, नियम 2011 और संबंधित विनियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए।
पहला चरण :
- कुट्टू आटे के भंडारण, संग्रहण, वितरण और विक्रय करने वाले थोक विक्रेताओं, डिपार्टमेंटल स्टोर और फुटकर विक्रेताओं को चिन्हित किया जाएगा।
- उनके यहाँ उत्पाद की गुणवत्ता, रखरखाव, भंडारण और लेबलिंग की शर्तों की जांच होगी।
- नवरात्र से पहले इनके साथ बैठकें आयोजित की जाएंगी।
- दूसरा चरण:
- नवरात्र शुरू होने से पहले और इसके दौरान चिन्हित प्रतिष्ठानों का आकस्मिक और सामान्य निरीक्षण किया जाएगा।
कड़े पैकेजिंग नियम
बिना वैध खाद्य लाइसेंस या पंजीकरण के कुट्टू आटे का निर्माण, पैकिंग, संग्रह या विक्रय प्रतिबंधित होगा।खुले में बिकने वाले कुट्टू आटे पर विशेष निगरानी होगी और इसे जनस्वास्थ्य के लिए हतोत्साहित किया जाएगा। कुट्टू आटा केवल सीलबंद पैकेट में बेचा जाएगा, जिसमें पैकिंग तिथि, अवसान तिथि, निर्माता/रिपैकर का पता, प्रतिष्ठान का नाम और लाइसेंस नंबर अंकित करना अनिवार्य होगा।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और रिकॉर्ड की निगरानी
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर खाद्य कारोबारियों और उपभोक्ताओं को आपूर्ति और विक्रय पर नजर रखी जाएगी। प्रत्येक खाद्य कारोबारी को कुट्टू के बीज या आटे के क्रय-विक्रय का लिखित रिकॉर्ड रखना होगा। सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी।
क्विक रिस्पॉन्स टीम और त्वरित कार्रवाई
डॉ. कुमार ने प्रत्येक जिले में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के आईडीएसपी सेल के साथ समन्वय कर क्विक रिस्पॉन्स टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं। यह टीम कुट्टू आटे के सेवन से होने वाली बीमारियों की सूचना पर त्वरित कार्रवाई करेगी। नवरात्र के दौरान जनपदों से प्राप्त खाद्य नमूनों की जांच प्राथमिकता से की जाएगी और रिपोर्ट शीघ्र उपलब्ध होगी।
उपभोक्ताओं की सेहत सर्वोपरि
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व में सरकार त्योहारों के दौरान शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। एफ़डीए ने मिलावटी, घटिया या असुरक्षित खाद्य सामग्री की बिक्री को रोकने का संकल्प लिया है। यह अभियान निर्माण से लेकर ऑनलाइन आपूर्ति तक हर स्तर पर सख्त निगरानी के साथ चरणबद्ध और समन्वित कार्रवाई होगी। विभागीय टीमें 24×7 अलर्ट मोड में रहेंगी। जग्गी ने उपभोक्ताओं से अपील की कि यदि उन्हें मिलावटी या संदिग्ध खाद्य सामग्री की बिक्री का संदेह हो, तो तुरंत विभाग को सूचित करें, ताकि समय रहते कार्रवाई हो सके। उपभोक्ताओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
