भैंस के आगे बीन: हल्द्वानी में छात्रों का अनोखा विरोध, प्रशासन हक्का-बक्का
हल्द्वानी, 29 सितम्बर। उत्तराखंड में छात्र-युवाओं का पेपर लीक के खिलाफ आंदोलन नए-नए प्रतीकों से प्रशासन को चौंका रहा है। रविवार को हल्द्वानी में युवाओं ने “धाकड़ भैंस के आगे बीन” बजाकर सरकार पर तीखा कटाक्ष किया और हस्ताक्षरयुक्त पोस्टर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पार्सल से भेजा।
पोस्टर पर लिखा था— “धाकड़ भैंस के आगे बीन, सरकार के आगे आवाज़”। प्रशासन ने “धाकड़” शब्द देखकर मौके पर पहुंचकर पोस्टर पर कालिख पोत दी। छात्रों ने कहा कि यह स्पष्ट संकेत है कि पेपर लीक से ज़्यादा डर सरकार को उनके प्रतीकात्मक विरोध से है।
प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र कोरंगा (उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा) चौथे दिन भी बुद्ध पार्क में आमरण अनशन पर डटे रहे। डॉक्टरों की टीम ने उनका मेडिकल परीक्षण किया। दिन की शुरुआत हनुमान चालीसा पाठ और भगत सिंह की जयंती पर माल्यार्पण से हुई।
छात्रों ने कहा कि अब यह आंदोलन केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि वास्तविक मुद्दों पर केंद्रित है। पूरे प्रदेश में युवाओं ने रैलियों के माध्यम से परीक्षा रद्द और सीबीआई जांच की मांग बुलंद की। कोरंगा ने कहा— “यह लड़ाई मेरी नहीं, लाखों छात्रों के भविष्य की है। जब तक सीबीआई जांच और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होगी, आंदोलन जारी रहेगा।”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फोन पर अनशन स्थगित करने की अपील की, लेकिन कोरंगा ने साफ कहा कि मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
प्रदर्शन स्थल पर छात्रों ने पोस्टर पर हस्ताक्षर कर उसे एम-सील डिब्बियों में पैक कर मुख्यमंत्री को भेजा। पुलिस ने पोस्टर में लिखे “धाकड़” शब्द पर कालिख पोत दी।
पीयूष जोशी (उत्तराखंड युवा एकता मंच) ने तंज किया कि नकल विरोधी कानून के बावजूद हाल ही में रामनगर में टीईटी परीक्षा में नकल की खबरें आईं। “जबकि आयोग आज भी 4G जैमर में अटका है और नकल माफिया सैटेलाइट फोन तक अपग्रेड हो चुका है।”
छात्रों को राज्य सिविल सेवा की तैयारी कराते खीम सिंह कोरंगा ने भावुक होकर कहा कि इस प्रकार की घटनाओं ने हजारों युवाओं का भविष्य प्रभावित किया है और यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और व्यापक होगा।
छात्रों ने नारे लगाए— “त्रिवेंद्र रावत संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं।” इस पर खिमेश पनेरु ने कहा कि यदि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत छात्रों के साथ सड़क पर उतरते हैं तो वे कंधे से कंधा मिलाकर साथ देंगे।
हल्द्वानी का यह विरोध केवल पेपर लीक का विरोध नहीं, बल्कि सरकार को दी गई प्रतीकात्मक चेतावनी भी है। बीन की आवाज़ भैंस के आगे गूंजती रही और प्रशासन की संवेदनशीलता केवल “धाकड़” शब्द पर कालिख पोतने तक सीमित रही।
कार्यक्रम में ललित मोहन जोशी, मनोज कोठियाल, शैलेन्द्र दानू, विशाल भोजक, ज्योति दानू, विक्रम मेहता, हर्षित जोशी, दीक्षित कुमार, सुनील चंद्र, मुकेश चंद्र, पवन चंद्र, दिनेश सिंह बिष्ट, अजय प्रताप सिंह, अमित रावत, राधा आर्य, ज्योति बनौला, खिमेश पानेरू, सुजाता आर्य, किरण राणा, टीकाराम पांडे सहित बड़ी संख्या में युवा और छात्र मौजूद रहे।
