जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना को भारत सरकार से निवेश स्वीकृति प्राप्त
देहरादून, 10 जून (उहि )। सचिव सिंचाई हरि चन्द्र सेमवाल ने बताया कि शुक्रवार को सचिव जल संसाधन भारत सरकार की अध्यक्षता में तथा नीति आयोग व केन्द्रीय जल आयोग के अधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित बैठक में पश्चिम बंगाल, मणिपुर, महाराष्ट्र एवं उत्तराखण्ड राज्य की योजनाएं निवेश स्वीकृति हेतु इन्वेस्टमेंट क्लीयेरेन्स की 17वीं बैठक में प्रस्तुत की गई।
बैठक में उत्तराखण्ड राज्य की जमरानी बांध परियोजना लागत रु० 2584.10 करोड के सम्बन्ध में निर्णय लिया गया कि परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत 90ः10 के अन्तर्गत निवेश की स्वीकृति प्रदान कर दी जाए। जमरानी बांध परियोजना पर शीघ्र ही पुनर्वास सहित निर्माण कार्यों को प्रारम्भ किए जायेंगे। परियोजना से 57065 है० अतिरिक्त सिंचाई के साथ-साथ हल्द्वानी शहर को वर्ष 2055 तक 42 एम०सी०एम० पेयजल उपलब्ध कराये जाने का प्राविधान है। परियोजना से 63 मिलियन यूनिट वार्षिक विद्युत उत्पादन भी किया जाएगा। परियोजना को वर्ष 2027 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने बताया कि परियोजना से प्रभावितों के पुनर्वास के लिए शीघ्र ही पुनर्वास नीति केबिनेट में स्वीकृति हेतु रखी जाएगी तथा पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन अधिनियम 2013 के प्राविधानों के अनुसार प्रभावित ग्रामवासियों का सम्यक रूप से पुनर्वास किया जाएगा।
जमरानी बांध परियोजना का प्रस्ताव 1975 में तैयार किया गया था। तमाम केंद्रीय मंत्रालयों और वित्तीय मंजूरी मिलने में करीब 44 साल का समय लगा। अक्तूबर 2019 में केंद्रीय मंजूरी मिली। अगस्त 2020 में सर्वे आदि को लेकर कवायद शुरू हुई। अफसरों के मुताबिक परियोजना का काम शुरू होने से 5 साल के भीतर काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।बांध के पास 11 मीटर परिधि का कुआं प्रस्तावित है। इससे पाइपलाइन बांध के पिछले क्षेत्र से अमृतपुर होते हुए शीतलाहाट, दमुवाढूंगा और शीशमहल डब्ल्यूटीपी में पहुंचेगी। शीतलाहाट और दमुवाढूंगा तक 16 किलोमीटर पाइपलाइन लाने में वन क्षेत्र आ रहा है। वहीं, वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों से पानी वितरण के लिए 6 जोन तय किए गए हैं।