राष्ट्रीयसुरक्षा

विमान कंपनियों को हवाई यात्रियों के बारे में जानकारियां सीमा शुल्क आदि से साझा करनी होंगी

नयी दिल्ली, 12  अगस्त (उहि)।  हवाई यात्रा करने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से संबंधित विशिष्ट विवरणों के संग्रह हेतु एक निर्दिष्ट ढांचा प्रदान करने के उद्देश्य से यात्री नाम रिकॉर्ड सूचना विनियम, 2022 (‘विनियम’) को 08 अगस्त, 2022 को अधिसूचित किया गया था। इन विनियमों का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को सीधे प्रभावित करने वाले मादक द्रव्यों, मनोदैहिक पदार्थों, सोना, हथियार एवं गोला-बारूद आदि की तस्करी से संबंधित अपराधों से निपटने के लिए गैर – अनुचित हस्तक्षेप वाली तकनीकों का उपयोग करके सीमा शुल्क अधिकारियों की जांच, पाबंदी एवं अनुसंधान संबंधी क्षमताओं को बढ़ाना है। इस तंत्र का उपयोग विविध प्रशासनों से जुड़ी सीमाओं का प्रबंधन करने वाली एजेंसियों द्वारा व्यापक रूप से किया जा रहा है।

इन विनियमों के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:

  • इन विनियमों के तहत विमान के संचालक (यानी एयरलाइंस कंपनी) द्वारा निर्दिष्ट सीमा शुल्क प्रणाली को इलेक्ट्रॉनिक रूप से निर्दिष्ट सूचना प्रसारित करना आवश्यक होता है। यात्रियों को व्यक्तिगत रूप से सीमा शुल्क को कोई जानकारी प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होती है, न ही उन्हें इन नियमों के कारण एयरलाइंस को कोई अतिरिक्त जानकारी प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन से संबंधित शिकागो कन्वेंशन के तत्वावधान में एयरलाइंस कंपनियां पहले से ही यह जानकारी एकत्र कर रही हैं।
  • एयरलाइंस कंपनियों और सीमा शुल्क प्रणालियों के बीच डेटा का आदान-प्रदान पीएनआरजीओवी एडीफैक्ट संदेश प्रारूप के माध्यम से होता है। यह विश्व सीमा शुल्क संगठन (डब्ल्यूसीओ), अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) और अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आईएटीए) द्वारा संयुक्त रूप से समर्थित एक मानक इलेक्ट्रॉनिक संदेश प्रारूप है और इसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
  • यों तो इन विनियमों में शामिल कुछ डेटा तत्व अन्य स्रोतों से उपलब्ध होते हैं, पर इन विनियमों का उद्देश्य यात्रियों के प्रस्थान या आगमन से पहले इस डेटा को सीमा शुल्क जोखिम प्रबंधन प्रणाली द्वारा विश्लेषण के लिए प्राप्त करना है।
  • एकत्र की गई जानकारी सख्त सूचना गोपनीयता एवं डेटा संरक्षण के अधीन होती है और इस प्रक्रिया में पर्याप्त कानूनी एवं प्रशासनिक सुरक्षा उपाय निहित हैं। जातीय पहचान, नस्ल, धार्मिक या दार्शनिक मान्यताओं, स्वास्थ्य आदि से जुड़ी सूचनाओं को उजागर करने के लिए जानकारी का प्रसंस्करण सख्त वर्जित है। डेटा सुरक्षा के लिए आवश्यक हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की परिकल्पना पहले ही की जा चुकी है। प्राप्त जानकारी का उपयोग केवल प्रधान अपर महानिदेशक/अपर महानिदेशक स्तर के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा आगे की प्रक्रिया के लिए किया जाता है।
  • सामान्य तौर पर, एकत्र किए गए डेटा को सिर्फ पांच वर्षों के लिए संग्रहीत रखा जाता है, जिसके बाद इसे अवैयक्तिकीकरण या गुमनामी की प्रक्रिया द्वारा निपटा दिया जाता है। ये विनियम सूचनाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक व्यापक एवं स्वतंत्र प्रणालीगत लेखा-जोखा और सुरक्षा संबंधी लेखा-जोखा का प्रावधान करते हैं।

ये विनियम गोपनीयता की जरूरतों और सुरक्षा की अनिवार्यता के बीच एक अच्छा संतुलन बनाए रखते हैं। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड इन विनियमों के सुचारू संचालन एवं कार्यान्वयन को सक्षम बनाने हेतु सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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