क्षेत्रीय समाचारपर्यावरण

प्राचीन प्राकृतिक जल स्रोत रखरखाव के अभाव में विलुप्ति के कगार पर

-रिखणीखाल से प्रभुपाल रावत –

रिखणीखाल के ग्राम कंडिया में प्राचीन प्राकृतिक जल स्रोत, मरम्मत, रखरखाव, जीर्णोद्धार के अभाव में विलुप्त व सूखने के कगार पर।

रिखणीखाल के ग्राम कंडिया पाणीछाल के पूर्व सैनिक शिशुपाल सिंह रावत ने जानकारी दी है कि उनके पैतृक व विरासत गाँव में उनका पौराणिक, प्राकृतिक जल स्रोत है। सरकार की कयी योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही हैं, जैसे चाल खाल, ताल,सुरक्षा दीवार, पुराने जल स्रोतों को पुनर्जीवित करना,जल जीवन मिशन, पुराने रास्तों का सुदृढ़ीकरण, आदि चल रहे हैं।

शिशुपाल सिंह  कहते हैं कि वह विगत चार साल से प्रधान ग्राम पंचायत कंडिया से लगातार अपने गाँव के प्राकृतिक जल स्रोत की मरम्मत, रखरखाव, पुनर्जीवित, रास्तों का मरम्मत, पक्की करण, सौन्दर्यीकरण आदि की मांग व इच्छा व्यक्त करते आ रहे हैं। लेकिन गांवों की वोट बैंक की राजनीति, उलटफेर, आपसी द्वेष भाव व अन्य कारणों से नजर अंदाज ,हीलाहवाली होता जा रहा है।जैसा कि उन्होंने प्रार्थना पत्र में अनुरोध किया है।

शिशुपाल सिंह रावत पूर्व सैनिक हैं, उनका उच्च दर्जे का अनुशासन रहा है।वे सेना में 30 वर्ष की सेवा करके आये हैं।

उनकी मांग है कि इस गाँव के प्राकृतिक व पौराणिक जल स्रोत को पुनर्जीवित, सौन्दर्यीकरण, साफ सफाई, मरम्मत, रखरखाव, पक्का फर्श, सुरक्षा दीवार आदि कार्य किये जायें। दूसरी मांग है कि स्वर्गीय सतेन्दर सिंह के घर से पुराना अस्पताल तक आर सी सी मार्ग का निर्माण कार्य किया जाये।ये उनकी व्यक्तिगत मांग नहीं है,जनहित में लिया गया निर्णय है।

शिशुपाल कहते हैं कि इस प्रकरण को लेकर खंड विकास अधिकारी रिखणीखाल व ग्राम विकास अधिकारी कंडिया को भी अवगत कराकर ज्ञापन देकर चुके हैं।

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