एक प्रवासी उत्तराखंडी की जन्मभूमि के रैवासियों से अपील

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मित्रो ,

उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में मेरी मतदाताओं से अपील है कि अपना सही प्रतिनिधि चुनने के लिए आपके पास कई कारण होंगे , पर सबसे महत्वपूर्ण काऱण है प्रवासियों के परिजनो की सुरक्षा।नहीं तो आपको भी मेरी तरह रोजगार के लिए पलायन करना पड़ेगा।
आज पहाड़ के रोजगार और उचित शिक्षा के आभाव हर गांव से युवा वर्ग रोजी रोटी के लिए पलायन कर  चुका है ,  परंतु उनके परिजन गांव में ही रहते है। ऐसी परिस्थिति में स्थानीय असामाजिक तत्व उनके परिजनों को परेशान करते है, उनको सरकारी योजनाओ से वंचित , सरकारी राशन तक नहीं दिया जाता, रखा जाता है, शराब पीकर उनके साथ गाली गलौज की जाती है. महिलाओ का उत्पीड़न किया जाता है।

ऐसी परिस्थिति में जब प्रवासी के पीड़ित परिजन पीड़ित स्थानीय पुलिस या प्रशासन के पास जाता है तो पुलिस और प्रशासन भी उन्ही दबंगो का ही साथ देते है, यंहा तक कि सांसद और विधायक भी उन्ही दबंगो का ही साथ देते है, क्योंकि वो दबंग ही उनको चुनाव में वोट दिलाते है।
मेरी आपसे विनती है की जो उम्मीदवार प्रवासियों के परिजनों की सुरक्षा की गारंटी दे उसको जरूर वोट दे।

इसके अलावा मतदान करते समय आप यह यह भी याद रखे कि कोरोना महामारी में देश के विभिन राज्यों में फंसे हुए उत्तराखंड के प्रवासी मजदूरों को सकुशल गांव तक पहुँचाने किसी नेता ने मदद नहीं की थी , सबने फ़ोन स्विच ऑफ कर दिए थे ,ऐसे नेताओ को वोट मत देना। , मैंने खुद गुजरात, राजस्थान महाराष्ट्र मध्य प्रदेश और पंजाब से ५००० से ज्यादा उत्तराखंड के फंसे हुए बंधुवो को पास दिलाकर उनको गांव तक पहुँचाया था.

आज आपके पास मौका है की जिस नेता ने आपकी महामारी में मदद नहीं की उसे वोट न दे। जिस उम्मीदवार ने आपके लिए स्कूल , अस्पताल खोले और आपके कुल देवी देवताओ के मंदिरो का जीर्णोद्धार किया , उसे जरूर वोट दे।इस बार आप अपना मतदान अपने भविष्य बनाने के लिए करे। आपका वोट सिर्फ आपका है , जो आपका भविष्य बना सकता है। उम्मीदवार से अपने रोजगार , शिक्षा , स्वास्थ्य की योजना के बारे में जरूर पूछे। जिस उम्मीदवार पास आपको मिलने का समय नहीं है उसे वोट न दे।

अपने वोट को किसी और के कहने पर न दे। गांव में सड़क पर घूमने वाले चकड़ैतों की बातो में न आये। धर्मवाद, जातिवाद अथवा क्षेत्रवाद के चक्कर में न आये. जो उम्मीदवार ठेकेदार के साथ वोट मांगने आये उसे कभी वोट न दे।

चुनाव का मौसम चौमासे के मौसम जैसा होता है , इस समय समाज के सारे , ठेकेदार और गुनहगार सरे आम दिखाई देते है। जो उम्मीदवार प्रवासियों के परिजनों को स्थानीय गुंडों से सुरक्षा दिलाने का भरोसा दे उसे ही वोट दे।

 

वीरेंद्र रावत
मूल निवासी हेरवाल गांव , प्रतापनगर टेहरी गढ़वाल उत्तराखंड

हाल – गुजरात

One thought on “एक प्रवासी उत्तराखंडी की जन्मभूमि के रैवासियों से अपील

  • February 12, 2022 at 5:26 pm
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    Sabhi voters se anurodh hai ki aap sahi pratinidhi ko chune, jo apne niswarth bhaw se janta ki sewa kare na ki apni chamcho ka ghar bhare aur rojgaar uplabdh karae!!!!!!!

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