स्वामी प्रसाद मौर्य तत्काल माफी मांगे : श्रीनिवास पोस्ती

–By Dinesh Shastri
केदारनाथ, 3 अगस्त । समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बदरीनाथ धाम को लेकर की गई टिप्पणी का मामला अभी शांत नहीं हुआ है। मौर्य के बयान पर अब श्री बदरीनाथ श्री केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य और वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे दिमागी दिवालियेपन का नमूना बताया है। उन्होंने दो टूक कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य जब तक माफी नहीं मांग लेते तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।
श्री पोस्ती ने एक वक्तव्य जारी कर आज कहा कि सनातन विरोधियों का निरंतर एक एजेंडा चल रहा है और मौर्य का बयान भी उसी कड़ी में आया था, जो नितांत निंदनीय है। बदरीनाथ जैसे धर्म स्थल जिसे पुराणों में भू वैकुंठ धाम वर्णित किया गया है, उसे बौद्ध मठ बताना मिथ्या कथन है और यह सामाजिक समरसता को भंग करने का कुत्सित प्रयास है।
उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश जैसे धार्मिक राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं जो कि भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण जी की जनमस्थली हैं, जहां देवाधिदेव महादेव काशी विश्वनाथ का भव्य मंदिर है। उनके द्वारा बदरीनाथ धाम के बारे में अभद्र टिप्पणी माफ़ किए जाने योग्य नही हैं। शायद स्वामी प्रसाद मौर्य को इस बात का ज्ञान नहीं है कि इस भू वैकुंठ धाम बदरीनाथ मंदिर की गाथा सनातनी सतयुग से गाते आ रहे हैं, जिसे सतयुग में मुक्तिप्रदा, त्रेता में योग सिद्धिदा, द्वापर में विशाला और कलियुग में बद्रिकाश्रम नाम से जाना जाता है, वह बौद्ध मठ कैसे हो सकता है। पोस्ती ने कहा कि यह नहीं भूलना चाहिए की स्वामी प्रसाद मौर्य उसी पार्टी के नेता हैं जो पृथक उतराखण्ड राज्य बनाने की घोर विरोधी रही और मुलायम सिंह यादव की सरकार द्वारा जिस तरह उत्तराखंड के लोगों पर गोलिबारी की गयी थी, आज वही लोग दोबारा हमारे राज्य की धार्मिक गरिमा एवं आस्था को अपनी अज्ञानता से ठेस पहुंचाने की कोशिश कर रहे है। इस प्रवृत्ति को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां स्वामी प्रसाद मोर्य जैसे आसुरी प्रवृत्ति के लोग अपने ही धर्म के विमुख बातें कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सनातन धर्म ध्वजवाहक देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संपूर्ण विश्व में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे हैं।
मोदी जी सम्पूर्ण विश्व में “वसुधैव कुटुंबकम” की उक्ति को साकार कर पूरे विश्व को एक सूत्र में पिरोने का काम कर रहे हैं जबकि मौर्य जैसे लोग समाज में खाई पैदा कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस दुष्प्रवृत्ति का तब तक विरोध जारी रहेगा, जब तक वे माफी नहीं मांग लेते।