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भारतीय सेना के लिए 118 मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन एमके-1ए हेतु रक्षा मंत्रालय ने आपूर्ति आदेश दिया

मुख्य बातें:

  • डीआरडीओ द्वारा विकसित एमबीटी के नये संस्करण से मारक क्षमतागतिशीलता और युद्ध क्षेत्र में बने रहने की सामर्थ्य में वृद्धि होगी
  • 7,523 करोड़ रुपये का ऑर्डर
  • एमके-की तुलना में 72 नई विशेषताएं एवं अधिक स्वदेशी सामग्री
  • 200 भारतीय विक्रेताओं के लिए रक्षा विनिर्माण एवेन्यू खोलेगा और 8,000 नौकरियां पैदा होंगी

रक्षा मंत्रालय ने 23 सितंबर, 2021 को भारतीय सेना के लिए 118 मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन एमके-1ए की आपूर्ति के लिए भारी वाहन कारखाने अवडी, चेन्नई को निर्माण हेतु एक आदेश जारी किया।  7,523 करोड़ रुपये का यह ऑर्डर रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ पहल को और बढ़ावा देगा और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित ‘आत्मनिर्भर भारत’ को प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।  गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने 14 फरवरी, 2021 को चेन्नई में एमबीटी अर्जुन एमके-1ए को सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे को सौंपा था।

 

अत्याधुनिक एमबीटी एमके-1ए अर्जुन टैंक का एक नया संस्करण है जिसे फायर पावर, गतिशीलता और युद्ध क्षेत्र में बने रहने की सामर्थ्य में बढ़ोतरी के लिहाज से डिज़ाइन किया गया है । कुल 72 नई विशेषताओं और अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ एमके-1 वैरिएंट दिन और रात के दौरान लक्ष्य पर सटीक वार करने की काबिलियत के अलावा सभी इलाकों में सहज गतिशीलता सुनिश्चित करेगा। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा भारतीय सेना के साथ सेवा में मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन एमबीटी में अनेक प्रकार के उन्नयन कर डिजाइन और विकसित किया गया है।

एमके-1ए सटीक और बेहतर मारक क्षमता, सभी इलाकों में गतिशीलता और उन्नत प्रौद्योगिकी प्रणालियों की श्रृंखला द्वारा प्रदान की जाने वाली एक अजेय बहुस्तरीय सुरक्षा से लैस है । यह दिन और रात की परिस्थितियों में और स्थिर और गतिशील दोनों मोड में दुश्मन से मुकाबला कर सकता है।  इन क्षमताओं के आधार पर, यह स्वदेशी एमबीटी दुनिया भर में अपने वर्ग के किसी भी समकालीन टैंक के बराबर साबित होता है। यह टैंक विशेष रूप से भारतीय परिस्थितियों के लिए कॉन्फ़िगर और डिज़ाइन किया गया है और इसलिए यह प्रभावी तरीके से सीमाओं की रक्षा के लिए तैनाती हेतु उपयुक्त है।

 

एचवीएफ, अवड़ी को यह उत्पादन आदेश एमएसएमई सहित 200 से अधिक भारतीय विक्रेताओं के लिए रक्षा निर्माण में बड़े अवसर खोलता है, जिसमें लगभग 8,000 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं।  यह अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में स्वदेशी क्षमता का प्रदर्शन करने वाली एक प्रमुख परियोजना होगी।

एमबीटी अर्जुन एमके-1ए को दो साल (2010-12) के भीतर डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं के साथ कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टाब्लिशमेंट (सीवीआरडीई) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।  जून 2010 से विकास गतिविधियां शुरू हुईं और जून 2012 में टैंक को उपयोगकर्ता परीक्षणों के लिए मैदान में उतारा गया। उपयोगकर्ता की आवश्यकता से उपयोगकर्ता परीक्षणों के लिए एमबी

टी अर्जुन एमके -1 ए को विकसित करने और क्षेत्र में लाने में केवल दो साल लगे। वर्ष 2012-2015 के दौरान अनेक चरणों में 7000 किलोमीटर (डीआरडीओ और उपयोगकर्ता परीक्षणों दोनों में) कवर करते हुए विभिन्न प्रकार के गोलाबारूद की ऑटोमोटिव व पर्याप्त फायरिंग के व्यापक परीक्षण मूल्यांकन संचालित किए गए।

 

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