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अत्याधुनिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता से की जायेंगी देश की सीमाएं महफूज : दुश्मन के इरादे होंगे ध्वस्थ

नयी दिल्ली, 9  जुलाई (उहि)।  रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह 11 जुलाई को नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग द्वारा ‘रक्षा क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ (एआईडीईएफ) विषय पर पहली बार आयोजित होने वाली प्रदर्शनी और परिचर्चा का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम में सेवाओं, अनुसंधान संगठनों, उद्योगों एवं स्टार्ट-अप तथा इनोवेटर्स द्वारा विकसित अत्याधुनिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)-सक्षम समाधानों को प्रदर्शित करने और बाजार की उपलब्धता के लिए एआई उत्पादों का शुभारंभ करने के उद्देश्य से एक प्रदर्शनी की सुविधा भी होगी।

इस अवसर पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने कहा कि यह एक बड़ा आयोजन है, जहां 75 नव-विकसित कृत्रिम बुद्धिमत्ता उत्पादों/प्रौद्योगिकियों को रक्षा क्षेत्र में अनुप्रयोगों के रूप में आजादी के 75 साल पूरे होने के कार्यक्रम के हिस्से के रूप में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया जाएगा।

उत्पादों के डोमेन में ऑटोमेशन/मानव रहित/रोबोटिक्स सिस्टम, साइबर सुरक्षा, मानव व्यवहार विश्लेषण, बुद्धिमान निगरानी प्रणाली, रसद व आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, भाषण/स्वर विश्लेषण और कमांड, नियंत्रण, संचार, कंप्यूटर एवं बुद्धिमत्ता, निगरानी और जासूसी टोही (सी4आईएसआर) प्रणालियां तथा ऑपरेशनल डेटा एनालिटिक्स शामिल हैं। फिलहाल 75 उत्पादों का शुभारंभ किया जा रहा है और इनके अलावा अन्य 100 उत्पाद विकास के विभिन्न चरणों में हैं।

इसके अलावा, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के दो शीर्ष रक्षा निर्यातकों को इस आयोजन के दौरान सम्मानित किया जाएगा  प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अपर सचिव श्री संजय जाजू ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक के सर्वाधिक 13,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है, जिसमें 70% योगदान निजी क्षेत्र से और शेष 30% सार्वजनिक क्षेत्र से प्राप्त हुआ है।

इस कार्यक्रम में सेवाओं, शिक्षाविदों, छात्रों, अनुसंधान संगठनों और उद्योगों की सक्रिय भागीदारी के साथ ही ‘रक्षा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इन्टेलिजन्स की तैनाती’, ‘अगली पीढ़ी के कृत्रिम बुद्धिमत्ता समाधान’ और ‘रक्षा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इन्टेलिजन्स – उद्योग परिप्रेक्ष्य’ पर पैनल चर्चा भी की जाएगी।

भविष्य के कृत्रिम बुद्धिमत्ता समाधानों पर छात्रों से उज्ज्वल नवीन विचार प्राप्त करने के लिए ‘अगली पीढ़ी के कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ समाधान विषय पर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। एआई विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए शीर्ष तीन विचारों को भी सम्मानित किया जाएगा। कृत्रिम बुद्धिमत्ता उत्पादों की एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई है। इस कार्यक्रम में मित्र देशों के गणमान्य व्यक्ति, रक्षा मंत्रालय तथा भारत सरकार के अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी, अनुसंधान संस्थानों, शिक्षाविदों और उद्योगों के प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है।

यह ध्यान देने योग्य बात है कि रक्षा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इन्टेलिजन्स को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रोड मैप प्रदान करने के लिए वर्ष 2018 में एआई टास्क फोर्स की स्थापना की गई थी  इसकी सिफारिशों पर आगे की कार्रवाई करते हुए रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में एक रक्षा एआई परिषद इस कार्यक्रम की अगुवाई कर रही है।

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