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दिल्ली के विश्व पुस्तक मेले में उत्तराखंड हिमालय का इतिहास, संस्कृति, पर्यावरण तथा लोक जीवन के विविध पक्षों का साहित्य

 

By- Dinesh Shastri 

Stall of Winsar Publishing in World Book Fare Delhi organized by National Book Trust of India.

शनिवार 25 फरवरी से दिल्ली के प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेला शुरू हो गया। इस बार उत्तराखंड के प्रवासियों के लिए देहरादून की प्रतिष्ठित हिमालय साहित्य, संस्कृति, इतिहास, पर्यावरण तथा लोक जीवन के विविध पक्षों को प्रकाश में लाने के लिए सतत प्रयत्नशील “विनसर पब्लिशिंग कम्पनी” ने कई नई सौगात प्रस्तुत की हैं। इनमें गढ़ गौरव नरेंद्र सिंह नेगी का रचना संसार प्रमुख है।

किताबों की ये सौगात कोरोना की स्याह रातों से बाहर निकल कर आज प्रगति मैदान में अपनी चकाचौंध के साथ पुष्पित पल्लवित होती दिखी। लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी की पांच पुस्तकें और नेगी जी पर केन्द्रित नरेन्द्र सिंह नेगी के गीतो में जनसरोकार शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक सहित छह पुस्तकें पाठकों के लिए विनसर कम्पनी के स्टॉल में उपलब्ध हैं। विनसर का स्टाल हॉल नंबर दो में 187-188 में उपलब्ध है। आज पुस्तक मेले के पहले दिन ही नेगी द्वारा लिखित पुस्तकें मेले में विशेष आकर्षण का विषय रही। पाठक श्री नेगी के रचना संसार के बारे ने सर्वाधिक रुचि लेते देखे गए।

गौरतलब है कि दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित हो रहा विश्व पुस्तक मेला आगामी पांच मार्च तक चलेगा। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) और भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आइटीपीओ) के संयुक्त तत्वावधान में मेला प्रगति मैदान के नवनिर्मित हाल नंबर दो, तीन, चार और पांच में आयोजित हो रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज मेले का विधिवत शुभारंभ किया।

विनसर पब्लिशिंग कम्पनी के अधिष्ठाता श्री कीर्ति नवानी ने बताया कि उत्तराखंड के जनसरोकरों, यहां की लोक संस्कृति पर आधारित अनेक पुस्तकें पाठकों के लिए उपलब्ध हैं। उत्तराखंड के जनांदोलनों पर श्री जयसिंह रावत, इतिहास पर डा. यशवंत सिंह कटोच, डॉ. योगेश धस्माना, स्व. भक्त दर्शन द्वारा लिखित गढ़वाल की दिवंगत विभूतियां सहित उत्तराखंड ईयर बुक, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए कई संदर्भ पुस्तकें उपलब्ध हैं।

उत्तराखण्डी और हिमालयी साहित्य, संस्कृति पर केन्द्रित पुस्तकों के प्रकाशक विनसर के स्टाल पर लोक साहित्य, संस्कृति और मातृभाषा गढ़वाली के पाठकों और अध्येयताओं के लिए काम का साबित हो रहा है।इस स्टाल पर प्रवासियों का उत्साह देखते ही बनता है।आज उत्तराखंड के संस्कृति एव॔ पर्यटन मंत्री सतपाल जी महाराज भी मातृभाषा और लोकसंस्कृति के विनसर स्टाल पर पहुँच कर पुस्तकें भी क्रय की।

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