बाबा केदार की डोली पहुंची अपने अंतिम पड़ाव गौरीकुंड, 25 अप्रैल को शुभ मुहूर्त पर खोल दिए जाएंगे कपाट
देहरादून। 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। आज सोमवार सुबह केदारनाथ के रावल भीमा शंकर लिंग ऊखीमठ से केदारनाथ के लिए रवाना हो गए हैं। वहीं केदारनाथ की चल उत्सव विग्रह डोली रविवार को अपने अंतिम आबादी पड़ाव गौरीकुंड पहुंची। जहां पर गौरी माई मंदिर में डोली रात्रि प्रवास करेगी। इसके बाद सोमवार को डोली अपने धाम केदारनाथ पहुंच जाएगी। यहां रावल निवास में डोली रात्रि प्रवास करेगी। इसके बाद 25 अप्रैल को शुभ मुहूर्त में केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे।
रविवार को सुबह 7 बजे केदारनाथ के लिए नियुक्त पुजारी शिव लिंग ने फाटा में बाबा केेदार का अभिषेक कर आरती उतारी और भोग लगाया। साथ ही अन्य धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया। इस मौके पर फाटा, बडासू, रविग्राम, जामू, खाट गांव के ग्रामीणों ने अपने आराध्य के दर्शन कर घर, परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इसके बाद सुबह 9 बजे बाबा की डोली ने केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान किया। भक्तों के जयकारों व सेना की बैंड धुनों के साथ बाबा की चल उत्सव विग्रह डोली रामपुर, सीतापुर होते हुए सोनप्रयाग पहुंची।
जहां पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने आराध्य के दर्शन किए। यहां से बाबा केदार की डोली दोपहर को अपने अंतिम आबादी पड़ाव गौरीकुंड पहुंची। जहां पर गौरी माई मंदिर में डोली रात्रि प्रवास करेगी। यहां पर आराध्य बाबा केदार और मां गौरी की संयुक्त रूप से विशेष पूजा-अर्चना कर आरती उतारी गई। साथ ही भोग लगाया गया। सोमवार को बाबा केदार की डोली अपने धाम के लिए रवाना होगी।