‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर मुख्यमंत्री की घोषणा ; उत्तराखंड में बंगालियों के लिए बनेगा बंग भवन
रुद्रपुर ,14 अगस्त। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को जनपद उधम सिंह नगर के रूद्रपुर स्थित एक होटल में अयोजित ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ कार्यक्रम में विभाजन का दंश झेलने वाले व्यक्तियों को नमन करते हुए विभाजन की विभीषिका का दर्द सहने वाले तमाम सेनानियों के परिजनों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने ऊधमसिंह नगर में बंगाली समुदाय के लिए विशिष्ट बंग भवन नाम से एक सामुदायिक भवन का निर्माण किए जाने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत अपनी मातृ भाषा में पठन का प्रावधान है, बंगाली समुदाय भी अपनी भाषा मे शिक्षा ले सके, इस दिशा में कार्य किया जाएगा। बंगाली अनुसूचित जाति के समुदाय को उत्तराखंड में भी एससी का दर्जा मिल सके, इस संबंध में केंद्र को पूर्व में भेजे गए प्रस्ताव की कमियों को दूर करते हुए पुनः केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश विभाजन के दिन एक ओर जहां हम 1947 को आजादी का जश्न मना रहे थे वहीं दूसरी ओर देश के विभाजन का भी हमने दुःख सहा है। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के कारण सामने आई परिस्थितियों को देखते हुए भारत दो टुकड़ों में विभक्त हुआ। लाखों लोग इधर से उधर हुए उनका घर-बार छूटा, परिवार छूटा, लाखों की जानें गईं। भारत के लिए यह किसी विभीषिका से कम नहीं थी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विभाजन के दौरान बलिदान हुए लोगों की आत्मिक, शांति एवं श्रद्धांजलि हेतु आयोजित हवन यज्ञ में शामिल हुये तथा विभाजन विभीषिका पर आधारित लघु फिल्म एवं बंगाली संस्कृति पर आधारित स्टालों का भी उन्होंने अवलोकन किया।
केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने कहा कि आजादी के दौरान बड़े स्तर पर लोगों का पलायन हुआ। विभाजन के दौरान हमारे पूर्वजों ने कष्ट सहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सी.ए.ए, लाई इससे सालों पहले अपने देश वापस लौटे लोगों को नागरिकता मिलने का रास्ता आसान हुआ है।यह भारत की धर्म निरपेक्षता को दिखाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में बंगाल से अपने देश वापस लौटे लोगों के प्रमाण पत्रों से पूर्वी पाकिस्तान शब्द को हटाए जाने का कार्य भी हुआ है। पूर्वी पाकिस्तान शब्द गुलामी का प्रतीक था जिसे अब समाप्त कर दिया गया है।