चेपड़ो, त्रिकोट के बीच पिंडर नदी पर बना हल्के वाहनों का पुल रेत बजरी के अवैध धंधे में लगे वाहनों के लिए बरदान बना
—थराली से हरेंद्र बिष्ट-–
इस विकासखंड के अंतर्गत चेपड़ो, त्रिकोट के बीच पिंडर नदी पर छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए निर्मित हल्का वाहन पुल रेत, बजरी का अवैध कारोबार करने वाले वाहन संचालकों के लिए बरदान बना रहा हैं। इन लोडेड वाहनों के कारण पुल के लिए खतरा भी बनने लगा हैं। ग्रामीणों ने अवैध रूप से रात्रि में खनन सामग्री ले जाने वाले वाहन संचालकों के खिलाफ प्रशासन से कार्रवाई करने एवं लोनिवि थराली से पुल के दोनों ओर ऐंगल लगाने की मांग की है।
दरअसल 2013 में चेपड़ो पुल के बहने के बाद एक अन्य पुल का निर्माण किया गया। क्षतिग्रस्त पैदल झूला पुल के स्थान पर सरकार के द्वारा एक हल्का वाहन पुल का निर्माण किया गया था। जिसमें बाइक,कार सहित छोटे अन्य वाहनों का संचालन अनुमन्य हैं। थराली के पूर्व प्रमुख राकेश जोशी ने उपजिलाधिकारी थराली को दिए एक ज्ञापन में आरोप लगाया है कि छोटे-छोटे वाहनों के संचालन के लिए बनें पुल पर पिछले लंबे समय से अवैधरूप से खनन कार्य में लगे वाहन संचालकों के द्वारा रात्रि में इस पुल से खनन सामग्रियों का ढुलान किया जा रहा हैं।
जिससे इस पुल पर विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंका बनी हुई हैं। बताया है कि इस पुल से त्रिकोट,जोला,बुड़जोला, चिडिगा मल्ला,सेरा बिजेपुर आदि गांव के ग्रामीणों को सीधा लाभ मिल रहा हैं।पुल पर भारी लोडेड़ वाहनों के संचालन से पड़ने वाले विपरीत प्रभाव का खामियाजा भुगतना पड़ सकता हैं। उन्होंने एसडीएम से लोनिवि थराली से झूला पुल के दोनों ओर ऐंगल लगाने के निर्देश देने की मांग की हैं।
इस संबंध में पूछे जाने पर लोनिवि थराली के अधिशासी अभियंता अजय काला ने बताया कि पूर्व में झूला पुल पर लोहे के ऐंगल लगाएं गए थे। ताकि अनुमन्य वाहनों से बड़े वाहनों का संचालन पुल से नही हो सकें किंतु अज्ञात लोगों के द्वारा ऐंगल उखाड़ कर कही फेंक दिए गए हैं। पुनः पुल के दोनों ओर ऐंगल लगाएं जाएंगे। बताया कि इस पुल पर अनुमन्य क्षमता से बड़े वाहनों का संचालन किए जाने से पुल पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता हैं।