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जोशीमठ के सीमावर्ती गावों और सुरक्षा चौकियों को जोड़ने के लिए बीआरओ ने बनाया वैकल्पिक पैदल रास्ता

देहरादून, 13   जुलाई ।  बीआरओ के शिवालिक परियोजना ने जोशीमठ- मलारी मार्ग पर पैदल आवाजाही के लिए वैकल्पिक रास्ता तैयार कर लिया है। रास्ता बनने से करीब 20 सीमावर्ती गावों में कनेक्टिविटी स्थापित हो गई है, वैकल्पिक काउजवे बनाकर अब बाद यहां वाहनों का भी आवागमन शुरू कर दिया जाएगा।

ज्ञात हो कि प्रतिकुल मौसम की मार झेल रहे जोशीमठ-मलारी हाईवे पर सोमवार शाम ग्लेशियर टूटने के बाद आये जुम्मा नाला में उफान एवं चट्टानी स्खलन के कारण पुल को क्षति पहुंची थी, जिसके बाद से क्षेत्र के नीती, मलारी, जेलम, बाम्मा सहित सीमावर्ती गांवों के लोगों के साथ चीन सीमा पर तैनात सेना की इकाइयों की आवाजाही ठप हो गई थी। बीआरओ ने मंगलवार को ही यहां रास्ता बनाने का काम शुरू कर दिया था अब बैकल्पिक अस्थायी रास्ता तैयार कर लिया गया है जिससे स्थानीय लोगों के साथ सेना के जवानों ने भी
पैदल आवागमन प्रारंभ कर दी है।

चारधाम यात्रा के ऋषिकेश-उत्तरकाशी-गंगोत्री मार्ग में धराली के पास अत्यधिक बारिश एवं पहाड़ों से आये मलवेके कारण कल्वर्ट ब्लॉक होने सै न सिर्फ उत्तरकाशी-गंगोत्री यात्रा में व्यवधान आया था अपितु यात्रामार्ग पर जलजमाव एवं निकटवर्ती क्षेत्र में स्थित होटलों, विश्राम स्थलों में जलप्लावन से जानमाल के नुकसान का भी खतरा था।

बीआरओ के शिवालिक परियोजना के कर्मयोगियों ने रात में ही युद्धस्तर पर त्वरित कार्रवाई करते हुए डोजर एवं मानवीय शक्ति के प्रयोग से ना सिर्फ कल्वर्ट पर आए मलवे को साफ कर जानमाल के नुकसान के भय को दूर कर दिया बल्कि चारधाम यात्रा को भी सुचारु रूप से दुबारा बहाल किया।

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