बीएसएनएल का निकम्मा टावर जो महीने में बामुश्किल 10 दिन चलता है
–रिखणीखाल से प्रभुपाल रावत–
रिखणीखाल विकास खंड के अन्तर्गत ग्राम क्वीराली में भारत संचार निगम लिमिटेड का 2जी टावर मात्र सफ़ेद हाथी बन कर रह गया है, जो कि महीने में मात्र 10 दिन लापरवाही से ड्यूटी करता है, शेष 20 दिन आराम फरमाता है।
यह टावर के लगभग बीस पच्चीस गावों को कवर करता है, जिनकी संख्या लगभग 30,000 मानी जाती है। आजकल के जमाने में 15 वर्ष से ऊपर परिवार में हर व्यक्ति के पास मोबाइल फोन हैं तथा वे सभी बी एस एन एल का ही रिचार्ज करवाते हैं। क्योंकि सामने जो खड़ा है। इस क्षेत्र में अन्य किसी भी कम्पनी का नेटवर्किंग टावर नहीं है।एकमात्र यही है जो इस क्षेत्र की जनता को बुरी तरह लूट रहा है।जिसने सिर्फ दस दिन चलना है।
लोग कयी बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन टावर फिर अपनी चाल पर ही आ जाता है।बहाना किया जाता है कि हल्दूखाल से तकनीकी खराबी आयी है।ये तो तब भी बन्द हो जाता है,जब इलाके में बिजली गुल रहती है।इसकी अलग ही चाल है।अब स्थानीय जनता इस टावर से ऊब चुकी है। लोग इसे कबाड़ का खम्बा कह कर पुकारते हैं ।
भारत संचार निगम लिमिटेड का नया 4जी टावर प्रस्तावित है, उसके लिए नावेतल्ली-द्वारी भूमि सीमा पर स्थापित होना है, लेकिन उसमें भी विलम्ब ही हो रहा है। तीन-चार बार भारत संचार निगम लिमिटेड लैंसडौन के उप खंड अधिकारी आलेख शर्मा से फोन पर बातचीत हो गई है कि श्रीमान इसे शीघ्र स्थापित करवा दीजिए, वे भी लोगों को सिर्फ आश्वासन देकर ही टरका रहे हैं कि इस हफ्ते, उस हफ्ते, इस महीने,उस महीने हो जायेगा। लेकिन वो हफ्ता, वो महीना अभी तक नहीं आया।अब कहें तो क्या कहें, किसे कहें?ये इलाका तो हर तरफ से अंधकार में है।कहीं बात ही नहीं हो पाती।इस क्षेत्र के कई जवान सेना,अर्द्ध सैनिक बलों आदि में हैं, वे भी अपनी कुशलता की सूचना नहीं दे पाते हैं।