चंडीगढ़ नगर निगम का अभिनव प्रयोग ; टूटी फूटी मूर्तियों और फेंकी गयी पूजा सामग्री का पुनर्चक्रण कर मंदिरों में उपयोग
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धनतेरस के अवसर पर और स्वच्छ भारत मिशन के स्वच्छ दिवाली शुभ दिवाली अभियान के अंतर्गत, चंडीगढ़ नगर निगम ने “विसार-वाहन” लॉन्च किया। देवी-देवताओं की जो मूर्तियां और फोटो फ्रेम टूटते हैं, उन्हें अक्सर पीपल और बरगद के पेड़ों के नीचे छोड़ दिया जाता है। चंडीगढ़ नगर निगम द्वारा 165 ऐसे स्थानों की पहचान की गई थी, जहां टूटी हुई मूर्तियां और अन्य पूजा सामग्री को इधर-उधर छोड़ दिया गया था। यह सुनिश्चित करने के लिए कि देवी-देवताओं का कोई भी प्रतीक कभी भी गंदे नाले में प्रवेश न करे, विसार-वाहन लॉन्च किया गया था।
विसार-वाहन को मूर्तियों, फोटो फ्रेम और चुनरियों के अलग डिब्बों में विभाजित किया गया है। वाहन इन वस्तुओं को एकत्र करेगा और आरआरआर केंद्र में जमा करेगा। इन वस्तुओं को देवताओं के लिए कपड़े, मंदिरों के लिए पर्दे और पेपर मैशे से पूजा ट्रे बनाने के लिए दो एसएचजी को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। पीओपी मूर्तियों को सी एंड डी अपशिष्ट संयंत्रों के एक विशेष जल टैंक में विसर्जित किया जाएगा। चंडीगढ़ की अनूठी पहल न केवल रिड्यूस रीयूज रीसाइक्लिंग का मार्ग प्रशस्त करती है, बल्कि धनतेरस पर वास्तविक ‘धन’ (कचरा) को इकट्ठा करके उसे खज़ाने में बदलने में भी मदद करती है।