धर्म/संस्कृति/ चारधाम यात्राब्लॉग

वन मानुषों के बच्चे पहुंचे मुख्यमंत्री धामी से मिलने उनके कैंप कार्यालय

–By Usha Rawat/ Jay Singh Rawat

देहरादून, 15  जुलाई। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से शनिवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में पूर्व राज्यसभा सांसद श्री तरुण विजय के नेतृत्व में वनवासी विद्यालय दून संस्कृति स्कूल में अध्ययनरत वनराजी समुदाय के छात्रों ने भेंट की।

वन राजी  भारत की उन 18 संकटापन्न आदिम  जनजातियों में है जिनकी जनसँख्या 1 हजार से कम होने के कारण इन दुर्लभ नस्लों का अस्तित्व गंभीर संकट में है।   उत्तराखंड में इस आदिम जाति की जनसँख्या 700 के लगभग है।  ये लोग सदियों से जंगलों में भटकते रहे जिस कारण इनका मुख्य धारा के  कुमाऊंनी समाज से सीधा संपर्क  नहीं रहा।  लेकिन इनका कुमाऊनी समाज से  रहस्य्मय वस्तु विनिमय सम्बन्ध अवश्य रहा ।ये लोग कुछ ही दशक पहले तक चुपचाप आधी रात को अपने बनाये हुए लकड़ी के बर्तन किसी के दरवाजे पर छोड़ जाते थे और दूसरी रात चुपचाप उस घर के दरवाजे पर बर्तन के बदले रखा हुआ अनाज उठा ले जाते थे ।  जंगलों में कोई इनसे मिलने जाता था तो ये भाग जाते थे ।  ऐसे लोगों के बच्चों का मुख्यमंत्री धामी से मिलना एक युग परिवर्तन ही मन जा सकता है।

कभी पहाड़ी लोग इनको बण मनखी  याने की वनों में जहने वाले आदमी  भी कहते थे, इसी लिए इस समुदाय का नाम वन राजी  ( वन रावत ) पड़ा । वैसे ये लोग स्वयं को राज परिवार से जुड़ा मानते हैं इसलिए अपनी जाती रजवार  बताते हैं । इस समुदाय से गगन सिंह रजवार विधायक बनने जा सौभाग्य हासिल कर चुके हैं।  उनका मनन है की सदियों पहले राज गद्दी को लेकर दो भाइयों में संघर्ष हुआ तो पराजित भाई जंगल जा कर रहने लगा ।  तभी से ये लोग जंगलों में कंदमूल एवं  वन्य जीवों के मांस पर जी रहे हैं ।  इनका खास भोजन तरुड़ रहा है ।  जय सिंह रावत की दो  शोध पुस्तकों  में इनके  बारे में विस्तृत वर्णन है। जनजातियों पर रावत की  एक पुस्तक भारत सरकार के NBT ने  और  दूसरी भी विनसर पब्लिशिंग ने प्रकाशित की है।

मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों को पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा लिखित पुस्तक ’अग्नि की उड़ान’ भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजाति समाज के बच्चों का भविष्य बेहतर हो इसके लिए जनजाति कल्याण विभाग द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत भी उपस्थित थे।

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