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कांग्रेस ने उठायी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की सभी भर्तियों की सीबीआई से जांच की मांग

Mathur Dutt Joshi vice president administration UK Congress

देहरादून 8 अगस्त । उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की अभी तक की सभी भर्तियों की सीबीआई से जांच कराये जाने की मांग की है। पार्टी का आरोप है कि कुछ गिरफ्तारियां कर सरकार चुप बैठ गयी है, जबकि  घोटाले के तार काफी दूर और ऊंचाई तक  गए लग रहे हैं।  आयोग के अध्यक्ष रहे एस0  राजू के खुलासे के बाद मामला बहुत गंभीर हो गया  है।  यह प्रदेश के युवाओं के साथ बहुत बड़ा धोखा  है।

उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष संगठन/प्रशासन, मथुरादत्त जोशी ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि विगत दिनों उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से वीपीडीओ पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा में 15-15 लाख रूपये लेकर पेपर लीक कर नौकरियां बेचने का मामला सामने आया है । परन्तु राज्य सरकार की ओर से इस मामले में मात्र कुछ गिरफ्तारियां कर अपनी जिम्मेदारियों की इतिश्री कर दी गई है। इससे भर्ती घोटाले में राज्य सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों की संलिप्तता परिलक्षित होती है।

प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन मथुरादत्त जोशी ने कहा कि उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग में स्नातक परीक्षा में हुए घोटाले के खुलासे से स्पष्ट हो गया है कि इससे पूर्व फॉरेस्ट गार्ड भर्ती, ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम विकास अधिकारी, एलटी भर्ती सहित कई विभागों की लिपिकीय व चालकों की भर्ती में भी भारी घोटाला हुआ है तथा ये सभी भर्तियां संदेह के घेरे में है।

मथुरादत्त जोशी ने यह भी कहा कि स्नातक भर्ती घोटाले में अब तक जितने भी घोटालेबाज पुलिस की गिरफ्त में आए हैं वे सिर्फ मोहरे मात्र हैं तथा असली घोटालेबाजों तक सरकारी तंत्र नहीं पहुंचाना चाहता है। उन्होंने कहा कि कंाग्रेस पार्टी पहले से ही मांग करती आ रही है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में हुए भर्ती घोटाले की उच्च स्तरीय जांच करायी जाती है तो इसमें सत्ता प्रतिष्ठान, अधीनस्थ चयन आयोग, सचिवालय, विधानसभा के बैठे कई बड़े चेहरे बेनकाब हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्नातक परीक्षा में हुए घोटाले के खुलासे के बाद सबसे पहले जिस व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है वो उसी कंपनी से जुड़ा है जिसने इसी साल विधानसभा चुनावों से पहले विधानसभा सचिवालय के लिए सीधी भर्ती की परीक्षा आयोजित की थी। उन्होंने कहा कि मामले की जांच तो दूर विधानसभा सचिवालय ने आज तक उस कंपनी का नाम तक सार्वजनिक नहीं किया है। वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सीधी भर्ती के परीक्षा परिणाम पर रोक लगाना भर्ती घोटाले की ओर स्पष्ट इशारा करता है। तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल के कार्यकाल में ये भर्ती प्रक्रिया आयोजित की गई।

प्रदेश उपाध्यक्ष जोशी ने कहा कि पिछली त्रिवेन्द्र सरकार में भाजपा के ही दो विधायकों यतीश्वरानन्द एवं सुरेश राठौर ने भी सहकारिता विभाग में हो रहे भर्ती घोटाले के खिलाफ आवाज उठाई थी तथा कांग्रेस पार्टी लगातार सहकारिता विभाग की भर्तियों में हो रहे घोटाले की जांच की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों में 61 पदों पर हुई भर्तियों में बैंक अध्यक्ष, सचिव तथा अधिकारियों पर मिली भगत कर अपने रिस्तेदारों, चहेतों को रेवडी बांटने के आरोपों का विभागीय मंत्री के पास कोई जवाब नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे ऐसा प्रतीत होता है कि सहकारिता विभाग में भर्ती घोटाला विभागीय मंत्री की छत्रछाया में अंजाम दिया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री से यह भी मांग की कि सहकारिता विभाग में हुए भर्ती घोटाले की जांच से पहले विभागीय मंत्री को पद से हटाया जाना चाहिए तभी मामले की निष्पक्ष जांच की उम्मीद की जा सकती है।

मथुरादत्त जोशी ने कहा कि भाजपा सरकार ने राज्य के युवाओं के साथ धोखा करने के अलावा कुछ नहीं किया है तथा रोजगार के नाम पर भारी घोटाले को अंजाम देकर प्रदेश के युवाओं को ठगने का काम किया है। उन्होंने भाजपा सरकार में हुई सभी भर्तियों की सीबीआई से जांच की मांग की।

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