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हत्यारे और बलात्कारियों के रिहा होने पर माकपा ने दिल्ली पुलिस का पुतला फूंका

–उत्तराखंड हिमालय ब्यूरो –
देहरादून 8 नवम्बर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की उत्तराखण्ड इकाई ने दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली के छावला इलाके में सन् 2012 में उत्तराखण्ड की बेटी की हत्या और बलात्कार मामले में समुचित पैरवी न कराये जाने के कारण आरोपियों के दोष मुक्त हो जाने के खिलाफ दिल्ली पुलिस और बिल्किस बानो के बलात्कारियों को सम्मानित करने वालों के खिलाफ प्रदर्शन कर दोषियों का पुतला दहन किया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने अंकिता हत्याकांड के असली दोषी अनाम वीआइपी को बचाने को लेकर भी आक्रोश प्रकट किया।


इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केन्द्र सरकार एवं दिल्ली पुलिस की भूमिका की आलोचना की गयी और आरोप लगाया गया कि केन्द्र की मोदी सरकार ने न्याय एवं कानून व्यवस्था का मखौल बनाकर रख दिया है। इसलिए सरकार एवं न्यायालय की मिलीभगति के चलते बिलकिस बानो काण्ड के हत्यारे एवं बलात्कारी बाइज्जत छूट जाते हैं तथा गुजरात दंगों में तत्कालीन शासकों की भूमिका को उजागर करने वाली तिस्ता शीतलवाड़ को जेल के सलाखों के पीछे जाना पड़ता है।

वक्ताओं ने कहा है कि यदि न्यायालयों एवं देश की सरकार जनविरोधी फैसले एवं कार्य करती रही तो निश्चित समझिये जनता सड़कों पर उतरेगी। वक्ताओं ने कहा है कि अभी अंकिता आदि हत्याकांड में राज्य की जनता न्याय मांग ही रही थी। ,कल सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने उत्तराखण्ड एवं देश को निराश किया है तथा न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिये हैं। देश की जनता सुप्रीम कोर्ट के फैसले से स्तब्ध है। वक्ताओं ने कहा है कि यदि न्यायालय ने अपराधियों की सजा बरकरार नहीं रखी तथा केन्द्र भाजपा सरकार ने पीड़ितों के लिए न्याय एवं सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया तो आन्दोलन को व्यापक बनाया जाऐगा।

इस अवसर पर पार्टी राज्य सचिव मण्डल सदस्य कामरेड सुरेन्द्र सिंह सजवाण, जनवादी महिला समिति की प्रान्तीय उपाध्यक्ष इन्दु नौडियाल, सीपीएम के जिलासचिव राजेन्द्र पुरोहित, देहरादून महानगर सचिव अनन्त आकाश, सीटू के राज्याध्यक्ष महेंद्र जखमोला, प्रान्तीय सच्चाई लेखराज, बीजीवीएस के इन्देश नौटियाल, कमलेश खन्तवाल, सतीश धौलाखण्डी के अलावा सीटू के अध्यक्ष किशन गुनियाल भगवन्त पयाल,रविन्द्र नौडियाल, कलम सिंह लिंगवाल सैदुल्लाह अंसारी, एन एस पंवार, मामचन्द आदि बड़ी संख्या पार्टी कार्यकर्ता शामिल थे ।

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