दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर रही है बदहाल डलसेरा-द्वारी-भौन सड़क
–-रिखणीखाल से प्रभुपाल सिंह रावत—
पौड़ी जिले के रिखणीखाल ब्लॉक् के अंतर्गत डलसेरा-द्वारी-भौन सड़क मार्ग के शुरुआत में एक किलोमीटर से 7 किलोमीटर तक सड़क जीर्ण शीर्ण हालत में है और अगर इसका समुचित डामरीकरण नहीं किया गया तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
रिखणीखाल प्रखंड के कंडलसेरा-द्वारी-भौन सड़क मार्ग के प्रारंभ के 1 किलोमीटर से 7 किलोमीटर तक सड़क कयी सालों से डामरीकरण नहीं हुई।इस सन्दर्भ में 17/05/2022 को भी हमने विभिन्न न्यूज पोर्टलों व समाचार पत्रों में खबर छपी थी कि “दुर्घटना को दावत दे रही है प्रधान मंत्री ग्रामीण सड़क योजना”।लेकिन हुक्मरानों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।
अब आज ही जानकारी मिली है कि जो बस सेवा गढ़वाल मोटर्स ओनर्स लिमिटेड यूनियन की कोटद्वार से चैड चैनपुर जाती है ,सड़क में बड़े बड़े गढ्ढे व नाला बने होने के कारण यात्रियों को बहुत परेशानी व मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं।यात्रियों को बार बार बस से उतरकर पत्थर,मलवा हटाना पड़ रहा है।इसमें महिला यात्रियों को जो दुधमुंहे बच्चों के साथ सफर कर रहे हैं वे ज्यादा तकलीफ में हैं।यात्री बार बार उतरकर पत्थर व नाली को भरकर समतल कर रहे हैं ताकि उनकी बस आगे खिसक सके।
यह कोई और नहीं बल्कि प्रधानमंत्री जी की पी एम जी एस वाई की सड़क है । जब इसके ही इतने बुरे हालात है तो अन्य सड़कों का क्या होगा ? बरसात में जब मूसलाधार बारिश होती है तो सड़क नाला बन जाती है।
क्या सन 2025 का विजन व रोडमैप तैयार करने से पहले इस सड़क का डामरीकरण हो पायेगा या 2025 में ही होगा?या फिर किसी अप्रिय व अनहोनी घटना का इन्तजार किया जा रहा है? फिर दोष चालक,परिचालक के सिर मढ़ा जायेगा,न कि सड़क के डामरीकरण, मरम्मत व रखरखाव की।फिलवक्त इस बरसात के सीजन में मजदूर तो रखे जा सकते है जो नियमित सड़क की मरम्मत आदि कर सकें।