उत्तराखंड में दो साल से जिला नियोजन समिति ( डीपीसी ) केचुनाव नहीं हुए
पिथौरागढ़, 25 अक्टूबर।
उत्तराखंड में 12 जिलो में जिला नियोजन समिति ( डीपीसी ) के चुनाव कराने की मांग को लेकर एक नवम्बर को राज्य के सभी जिला पंचायत सदस्य लेफ़्ट बाँह में काला फीता बांधकर विरोध जताएंगे। दो साल से इसके चुनाव नहीं हो पा रहे है। नियोजन समिति में नौकरशाही हावी हो चुकी है, जिससे जिला पंचायत सदस्य बेहद नाराज चल रहे है।
उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के प्रदेश अध्यक्ष तथा पिथौरागढ़ के जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर चरणवद्ध आंदोलन की घोषणा की। मर्तोलिया ने कहा कि अभी प्रदेश आपदा की चपेट में है, इसलिए उग्र आंदोलन से हम अपने को अलग रख रहे है।
दो साल से नियोजन समिति के चुनाव लंबित है। विधान सभा के दो उपचुनाव कोविडकाल में हो गए। रैलिया हो रही है। राजनैतिक पार्टियों के कार्यक्रमो में हजारो लोग शामिल हो रहे है। जिला नियोजन समिति के चुनाव में एक जिले में पचास से कम की संख्या में मतदान करना है।
उसके बाद भी सरकार डीपीसी का गठन करने से कतरा रही है।
मर्तोलिया ने कहा कि जिला नियोयन समिति के चुनाव को नये सिरे से किया जाय, जिन लोगों ने नामांकन दाखिल किया था, उसे मान्य करते हुए नये नामांकनो को भी अवसर प्रदान किया जाय।
मर्तोलिया ने कहा कि नियोजन समिति को जिलाधिकारी तथा सरकार के जिले के प्रभारी मंत्री के हवाले कर दिया गया है। नौकरशाही तथा सत्ताधारी मंत्री तो जिपं सदस्यो से जिला प्लान के लिए सुझाव तक नहीं ले रहे है।
मर्तोलिया ने कहा कि प्रदेश में आपदा की भीषण विभिषिका के कारण संगठन ने एक नवम्बर को काला फीता बाधंने का निर्णय लिया है। उसके बाद भी सरकार नहीं मानी तो हम सड़को में उतरकर उग्र आंदोलन करने की घोषणा करेंगे।
मर्तोलिया ने कहा कि अब हम मुख्यमंत्री का भी घेराव करेंगे, ताकि सरकार दबाव में आकर इस मांग को पूरा करे।
मर्तोलिया ने कहा कि राज्य के 12 जिलो में जिला पंचायत सदस्य इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए आज से ही कमर कस ले।