राजनीति

भंडारी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग ने जोर पकड़ा

–गोपेश्वर से महिपाल सिंह गुसाईं

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में ब्रिटिश गढ़वाल से जीते कांग्रेस के एकमात्र विधायक राजेन्द्र भंडारी को प्रतिपक्ष का नेता बनाने की मांग तेज होती जा रही है। भंडारी इससे पहले दो बार कैबिनेट मंत्री राह चुके हैं।
बीते दिनों से भाजपा में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर देहरादून से लेकर दिल्ली तक राजनीति काफी गर्मा गई हैं।पूरे राज्य की जनता की नजरें भाजपा हाईकमान पर टिकी हुई हैं कि भारी बहुमत के बाद वह सीएम का ताज किसके सर पर सजाती हैं। वही कांग्रेस जिसे लगातार दूसरी बार भी विपक्ष में बैठना नसीब हुआ हैं में भी नेता प्रतिपक्ष के पद को लेकर खींचतान होना तय माना जा रहा हैं। ऐसे ही समय में सीमांत जिला चमोली से नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की कांग्रेस पार्टी से ही मांग उठने लगी हैं। कई कांग्रेसी नेताओं ने प्रदेश के वरिष्ठतम नेताओं में सुमार पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं बद्रीनाथ विधानसभा सीट एक बार पुनः निर्वाचित विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी को नेता प्रतिपक्ष बनाएं जाने की मांग उठाने लगें हैं। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा हैं कि भंडारी राज्य में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में सुमार हैं। उन्होंने छात्र जीवन से लेकर सक्रिय राजनीति में अब तक कांग्रेस पार्टी को मजबूत बनाने के लिए पूरी वफादारी के साथ काम किया है। कांग्रेस पार्टी की ओर से चमोली जिला पंचायत के अध्यक्ष का दायत्व निभाया। 2007 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी से नंदप्रयाग विधानसभा क्षेत्र से विधायक का टिकट मांगा तों पार्टी ने उन्हें टिकट नही दिया तों कांग्रेस पार्टी के ही जिले के तमाम नेताओं के द्वारा उन्हें निर्दलीय चुनाव लड़ने का दबाव बनाया तो उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और विजयी रहें। राज्य में भाजपा बड़ी पार्टी के रूप में तों उभरी किंतु सरकार बनाने के लिए जरूरी सदस्य नही जुटा पाने पर बीजेपी ने भंडारी के समर्थन से राज्य में सरकार बनाई और भंडारी को कैबिनेट मंत्री दिया गया। किंतु तब भी वें भाजपा नेताओं के द्वारा तमाम प्रयासों के बाद भी बीजेपी में सामिल नही हुए।2012 में कांग्रेस ने उन्हें बद्रीनाथ सीट से टिकट दिया और वें विजयी बनें,और उन्हें सीएम विजय बहुगुणा एवं हरीश रावत कैबिनेट में कैबिनेट मंत्री बनाया गया।2017 में वें बद्रीनाथ सीट से चुनाव हार गए थे। किंतु इस बार पुनः विजयी हुए हैं।

कांग्रेसी के चमोली जिलाध्यक्ष बिरेंद्र सिंह रावत, जोशीमठ के नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार महिला कांग्रेस की गैरसैंण ईकाई की जिलाध्यक्ष गोदांबरी रावत, कांग्रेस प्रदेश सचिव उर्मिला बिष्ट,जोशीमठ के पूर्व प्रमुख प्रकाश रावत, देवाल के पूर्व प्रमुख डीडी कुनियाल, थराली के पूर्व प्रमुख सुशील रावत, पीसीसी महावीर बिष्ट,घाट के ब्लाक अध्यक्ष सुखवीर रौतेला,थराली के विनोद रावत आदि का मानना हैं कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को पहाड़ी जिलों में कम जनसमर्थन मिलने का एक बड़ा कारण पहाड़ी क्षेत्रों को प्रर्याप्त प्रतिनिधित्व नही मिल पाना भी रहा।इस बार पार्टी को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी पहाड़ी जिले के ही किसी तेजतर्रार, अनुभवी, संघर्षशील,प्रखर वक्ता आदि गुणों वालें विधायक को सौपना चाहिएं।इस कसौटी पर बद्रीनाथ के विधायक राजेंद्र भंडारी खरे उतरते हैं। इससे पार्टी पहाड़ी जिलों में मजबूत स्थिति में पहुंचेगी।

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