शासन से निराश पैंनगढ़ के लोगों को खुद पहाड़ तोड़ कर बनानी पड़ रही अपने लिए सडक

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-रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट-
थराली, 20 नवंबर। पिछले वर्ष से आपदा की मार को झेल रहे पैनगढ़ के ग्रामीणों को इस वर्ष पैदल आवागमन के लिए भी जूझना पड़ रहा हैं। पैदल रास्ते का निर्माण नही होने पर मजबूर अब ग्रामीणों को श्रमदान के जरिए अपने आवागमन के लिए पैदल मार्ग बनाना पड़ रहा है।

इस विकास खंड के के अंतर्गत 2022 में पैंनगढ़ गांव की पहाड़ी दरकने से चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। जबकि तीन दर्जन से अधिक आवासीय मकानों एवं गौशालाओं को भारी क्षति पहुंची थी।इस गांव का एक तोक सुरक्षित है जहां पर अधिकांश आपदा पीड़ित निवास कर रहे हैं, परन्तु इस तोक तक आनेजाने के लिए कोई भी सुरक्षित स्थान नही रह गया है।

पैनगढ़ के क्षेत्र पंचायत सदस्य हरेंद्र बिष्ट,आशीष परिहार, राजेन्द्र सिंह रावत,देवी प्रसाद सती आदि ने बताया कि उनका मुख्य बाजार हरमनी में हैं, जोकि पिंडर नदी के उस पार पड़ता हैं। पैंनगढ़ गांव से हरमनी को जोड़ने वाला पैदल मार्ग कई जगह इस बरसात के कारण भूस्खलन के चलते बाधित हैं ।लोक निर्माण विभाग थराली ने पैनगढ़ गांव के ग्रामीणों की आवाजाही की सहूलियत के लिए पिंडर नदी पर लगी ट्रॉली खोल देता है, लेकिन बरसात खत्म होते ही इस ट्राली का संचालन बंद कर देता हैं।

ट्राली का संचालन बंद हो जाने के बाद ग्रामीण को हरमनी में बने झूला पुल से आवागमन करना पड़ता हैं। किंतु झूला पुल तक का पैदल रास्ता भूस्खलन के कारण बंद पड़ा है। ग्रामीणों विशेष तौर पर बच्चों, वृद्धों, महिलाओं, बीमारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। लोनिवि थराली सहित अन्य विभागों से पैदल रास्ते को पिछले एक माह से ठीक करने की मांग की जा रही हैं। किंतु किसी विभाग के द्वारा सकारात्मक कार्रवाई नही होने पर मजबूर ग्रामीणों ने श्रमदान के जरिए पैदल रास्ता बनने का कार्य शुरू कर दिया है।

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