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पहाड़ी गावों में खाकी के प्रवेश का रास्ता साफ: पटवारी क्षेत्रों में 6 नये थाने 20 चौकियां भी खुलेंगी

उषा रावत

देहरादून, 12 अक्टूबर। उत्तराखण्ड सरकार ने नैनीताल हाइकोर्ट के आदेशानुसार राजस्व पुलिस को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिये रोडमैप आखिर तैयार कर ही लिया। इसके तहत प्रथम चरण में थाने और चौकियों का विस्तार किया जायेगा ताकि उनमें राजस्व पुलिस के कई इलाके शामिल किया जा सके। इसके अलावा 6 थाने और 20 पुलिस चौकियां अतिरिक्त रूप से खोली जायेंगी। राज्य कैबिनेट ने सार्वजनिक स्थलों पर कूड़ा फेंकने और थूकने वालों को जेल भेजने के प्रावधान को समाप्त करने का फैसला भी लिया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां सम्पन्न कैबिनेट की बैठक में कुल 25 फैसले लिये गये जिनमें पटवारी पुलिस को चरणबद्ध तरीके से अलविदा कहने का फैसला भी एक है। आज लिये गये निर्णय के अनुसार गृह विभाग के अन्तर्गत राजस्व पुलिस क्षेत्र को चरणबद्ध तरीके से पुलिस व्यवस्था से जोड़ा जायेगा। पहले चरण के अन्तर्गत वर्तमान पुलिस थानो एवं चौकियों का क्षेत्र बढ़ाया जायेगा। इसके अतिरिक्त 6 पुलिस स्टेशन और 20 पुलिस चौकी को अतिरिक्त रूप से उन जगह मंजूरी दी गई जहां पर पर्यटन और आर्थिक गतिविधियां अधिक हैं।

आज लिये गये निर्णय के अनुसार पुलिस आरक्षी के लिए एडिशनल एसआई की नियमावली बनाई गई। इसके अन्तर्गत 1750 हैड कान्सटेबल का परमोशन किया जाना है।

कैबिनेट के अन्य फैसले इस प्रकार हैं : –

  1. परिवहन विभाग के अन्तर्गत राज्य सड़क सुरक्षा कोष में परिवर्तन किया गया है, पहले कम्पाउडिंग फीस का 25 प्रतिशत प्रतिवर्ष राज्य सड़क सुरक्षा कोष में जाता था जिसे बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया गया है।
  2. परिवहन विभाग के अन्तर्गत उत्तराखण्ड सड़क परिवहन दुर्घटना राहत निधि को एक लाख से बढ़ाकर दो लाख किया गया।
  3. उत्तराखण्ड सूचना प्रौघोगिकी (परिवहन विभाग में इलैक्ट्रानिक दाखिल, सृजित एवं जारी करने का यूजर चार्ज) नियमावली 2022 में संशोधन किया गया, पहले इलैक्ट्रानिक रिकार्ड के लिए 20 रूपये लिया जाता था जिसे बढ़ाकर 50 रूपये किया गया।
  4. विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग में 01 कर्मचारी को सातवां वेतन देने का निर्णय लिया गया।
  5. वन निगम का वार्षिक लेखा परिक्षा रिर्पोट को विधानसभा पटल पर रखा जायेगा।
  6. आवास विभाग के अन्तर्गत लैंड यूज में परिवर्तन के अन्तर्गत पैट्रोल पम्प के विषय में उच्चीकरण शुल्क, कमर्शियल रूप में लिया जायेगा।
  7. उत्तराखण्ड विश एवं कब्जा विक्रय नियमावली 2022 का प्रख्यापन किया गया।
  8. न्याय विभाग के अंतर्गत सिविल जज (जूनियर डिवीजन) को सिविल जज एवं सिविल जज (सीनियर डिवीजन) को सीनियर सिविल जज के रूप में पदनाम परिवर्तित करने के लिये कार्मिक विभाग द्वारा आदेश निकाला जायेगा।
  9. कृषि एवं कृषि कल्याण विभाग के अन्तर्गत बागवानी मिशन में ऐन्टीहेल नेट के लिए केन्द्र द्वारा दी जाने वाली 50 प्रतिशत की सब्सिडी के अतिरिक्त 25 प्रतिशत अतिरिक्त राज्य सब्सिडी भी दी जायेगी।
  10. नैनीताल पर्यटन विकास के लिए कन्सलटेंट का चयन कर लिया गया है।
  11. अटल आवास योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली धनराशि प्रधानमंत्री आवास योजना के बराबर करने का निर्णय लिया गया है।
  12. बाल संरक्षण आयोग की संस्तृति पर शिक्षा विभाग के अन्तर्गत स्कूली शिक्षा से सम्बन्धित बच्चों को 60 दिन बिना अनुमति के अनुपस्थित पाये जाने पर सुविधाये रोक दी जाती थी अब इसे घटाकर 30 दिन कर दिया गया है, इसका उद्देश्य अधिक से अधिक बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ना है।
  13. औद्योगिक विकास के अन्तर्गत लॉजिस्टिक नीति 2022 का प्राख्यापन किया गया। इसका उद्देश्य परिवहन लागत को कम करना है।
  14. जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों के लिए दुर्घटना बीमा 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रूपये कर दिया गया है।
  15. विद्यालयी शिक्षा के अन्तर्गत समग्र समावेशी शिक्षा के अन्तर्गत विशेष शिक्षा के लिये 143 नये पदों का सृजन किया गया है।
  16. उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत रूड़की कॉलेज आफ इंजिनियरिंग का नाम हरिद्वार विश्वविद्यालय करने के लिये विधेयक लाया जायेगा।
  17. राज्य सरकार ने कर्मचारियों को केन्द्र सरकार के समान बढ़ी हुई मंहगाई भत्ता और बोनस देने के लिए मुख्यमंत्री को अधीकृत किया गया है।
  18. कौशल एवं सेवायोजन विभाग को उपनल और पीआरडी के अतिरिक्त आउटसोर्सिंग एजेन्सी बनाने की प्रक्रिया की स्वीकृति।
  19. चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य के अन्तर्गत डार्क रूम में सहायक पदों के सापेक्ष 56 पदों को मानक के अनुसार पुनर्निधारित करने का निर्णय लिया गया है।
  20. मानव अधिकार रिर्पोट विधानसभा पटल पर रखा गया था जिससे कैबिनेट को अवगत कराया गया।
  21. उत्तराखण्ड कुड़ा फेकना एवं थूकना प्रतिषेध अधिनियम में 5000 रूपये अर्थदण्ड एवं 6 माह के कारावास की व्यवस्था है। जिसमें से अब कारावास को हटा कर केवल अर्थदण्ड की व्यवस्था की गई है। अर्थदण्ड को बढ़ाने का भी प्रस्ताव भेजा जायेगा।
  22. केदारनाथ मास्टर प्लान के अन्तर्गत स्थानीय पुराने आवास के ध्वस्तिकरण की मंजूरी।

23- महिला आरक्षण विषय पर अध्यादेश लाने के लिये मुख्यमंत्री को अधीकृत किया गया है।

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