आपदा/दुर्घटना

चार दिन के अंदर थराली के गावों में फिर बरसी आसमान से आफत

-रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट-

थराली, 18 अगस्त । महज 4 दिन के अंतराल के बाद गुरुवार की रात फिर बादल फटने के कारण थराली के कुछ गावों का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गा गया। इन गावों का आवगमन चालू  करने के लिए काम चलाऊ व्यवस्था के तहत लकड़ी के लट्ठों के जो  पुल बड़ी मशक्क्त के बाद  बनाये गये थ वे गत रात्रि की बाढ़ में बह गये।

थराली गांव को जाने वाले मोटर एवं पैदल पुल, रतगांव के डाडरबगड़ में निर्मित बेलीब्रज के अलावा थराली-देवाल मोटर सड़क पर बुरकोट गद्देरे में काजवे के नदियों व गद्देरों में बह जाने के कारण थराली गांव, रतगांव एवं वांण गांव का संपर्क भंग हो गया था।

इन गांवों में पैदल आवागमन बहाली के तहत प्रशासन ने ग्रामीणों के सहयोग से थराली प्राणमती व वांण के बुरकोट गद्देरे में लकड़ी  का काम चलाऊ पुल बनाया था  गुरूवार को आयी ताजा बाढ़ में बह  गया है।इसी तरह रतगांव में प्राणमती में लकड़ी के पुल डालने की कवायद को भी झटका लगा है।

थराली के तहसीलदार प्रदीप नेगी ने बताया कि तीन ही जगहों में पानी का बहाव बदल जाने एवं पानी का जलस्तर बढ़ने के वजह से तीन स्थानों पर वैकल्पिक लकड़ी के पुल डालने की कवायद नही हो पाई । रतगांव में गांव के लोग नदी किनारे तक आएं यहां से डीडीआर की टीम भी डाडरबगड़ तक गई । मगर पानी अधिक बढ़े होने के कारण ग्रामीणों व डीडीआर की टीमों को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा।

———-
गुरुवार को प्राणमती नदी में पानी का बहाव बढ़ने के कारण 13 अगस्त को आपदा में क्षतिग्रस्त आवासीय मकानों की क्षति बढ़ने के साथ ही 3 अन्य परिवार भी विस्थापन की जद में आ गए हैं। थराली के उपजिलाधिकारी रविंद्र जुवांठा ने बताया कि प्रशासन ने 7 परिवारों के सुरक्षित विस्थापन की कार्यवाही शुरू कर दी ही।कल रात प्राणमती नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण थराली गांव के पिंडर नदी के किनारे बनाएं शिव मंदिर व अन्य मंदिरों में भारी मात्रा में मलुवा घुस गया हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!