भविष्य के लिए उपयोगी होंगे चेक डैम, डीएम चमोली ने दिए मास्टर प्लान बनाने के निर्देश
–गोपेश्वर से महिपाल गुसाईं —
आने वाले कल की जरूरत के लिए आज प्रबंध करने होंगे, अन्यथा भीषण संकट का सामना करना पड़ सकता है। इसी के मद्देनजर सीमांत चमोली जिले में जल संग्रहण के लिए मास्टर प्लान के तहत चेक डैम बनाने की योजना बनाई जा रही है। चेक डैम निर्माण के काम में तेजी लाने के लिए ही जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने निर्देशित किया कि जल संग्रहण के लिए मास्टर प्लान के तहत चेक डैम बनाए जाए।
जिलाधिकारी ने वन एवं सिंचाई विभाग को निर्देशित किया कि चेक डैम बनाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने हेतु जल निगम, जल संस्थान, कृषि, उद्यान, मत्स्य एवं अन्य अंतिम उपयोगकर्ता विभागों से उनकी प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पूरी जानकारी ली जाए। चेक डैम बनाने के लिए प्रस्तावित योजनाओं की अच्छे तरीके से मैपिंग की जाए। ताकि डुप्लीकेशी न हो। जिले में प्रत्येक संभावित क्षेत्रों को विशेषज्ञों से चिन्हित कराते हुए इसका जीआईएस सर्वेक्षण के साथ एक विस्तृत प्लान तैयार किया जाए।
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि काम इस तरह से किया जाए कि चेक डैम से भविष्य में अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
बैठक में डीएफओ सर्वेश कुमार दुबे, डीएफओ इन्द्र सिंह नेगी, डीएफओ वीवी मर्तोलिया, मुख्य विकास अधिकारी डा.ललित नारायण मिश्र सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि चेक डैम एक तरह की दीवार है जो पहाड़ से बहने वाले वाले प्राकृतिक तथा वर्षा जल को बहने से रोकता है और एक जलाशय बनाने में मदद करता है। इससे आसपास की जमीन के भू जल स्तर में बढ़ोतरी होती है। साथ ही जमा पानी खेतों की सिंचाई एवं कृषि कार्य में उपयोग में लाया जा सकता है। बाढ़ की रोकथाम में भी चेक डैम बहुत सहायक होता है।