बदरीनाथ उपचुनाव : सीमांत गावों में राज्य गठन के बाद पहली बार होगा मतदान
डीएम चमोली ने किया देश के अंतिम गावों के मतदान केंद्रों का निरीक्षण
-नीति से महिपाल गुसाईं-
उत्तराखंड के चमोली जिले के सीमांत माइग्रेशन वाले नौ बूथों पर इतिहास में पहली बार मतदान होगा। बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ये नौ बूथ माणा,नीती, गमशाली, जेलम, कोषा, जुम्मा, द्रोणागिरी, मलारी और कैलाशपुर हैं।
यह पहला मौका है जब मतदान टोलियां इन बूथों पर मतदान करवाने आएंगी। वस्तुत: ये सभी गांव माइग्रेशन वाले गांव हैं। इन गांवों के निवासी सर्दियों में निचले इलाकों में आ जाते हैं। वहां भी इनके गांव हैं। गर्मियां शुरू होते ही ये अपने पशुधन के साथ सीमांत वाले उक्त गांवों में आ जाते हैं। आज तक जो भी चुनाव हुए हैं वे आमतौर पर सर्दियों में ही होते रहे हैं। इस कारण ऊंचाई वाले इलाकों में मतदान टोलियों को आने की जरूरत नहीं पड़ी। आगामी दस जुलाई को बदरीनाथ विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए इन नौ गांवों में मतदान केंद्र बनाए गए हैं। सर्दियों में ये लोग घिंघरान, छिनका, देवली बगड़, कालेश्वर, बिजार सैतोली थिरपाक तैफना झूला बगड़ नन्द प्रयाग पीपलकोटि, गडोरा जैसे तमाम गांवों में माइग्रेशन करते हैं।
इन नए मतदान केंद्रों की व्यवस्था देखने के लिए आज खुद जिला निर्वाचन अधिकारी हिमांशु खुराना ने नीती तथा अन्य गांवों का दौरा कर वहां की व्यवस्थाएं देखी तथा मतदान व्यवस्था सुचारू संपन्न करवाने के लिए आवश्यक सुविधाएं जुटाने के लिए अधीनस्थ कर्मचारियों को दिशा निर्देश दिए।
सीमांत के इन गांवों में मतदाताओं की संख्या बहुत अधिक नहीं है क्योंकि इन परिवारों के कुछ सदस्य घाटी वाले गांवों में भी रहते हैं। फिर भी लोकतंत्र में सभी मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने तमाम मतदाताओं की सुविधा के लिए माइग्रेशन वाले गांवों में मतदान केंद्र बनाए हैं।
गौरतलब है कि गर्मियां शुरू होने के बाद अप्रैल के बाद इन गांवों के स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र और अन्य संबंधित सरकारी विभागों के दफ्तर भी लोगों के साथ ही माइग्रेट होकर यहीं आ जाते हैं और सर्दियों में निचले इलाकों में शिफ्ट हो जाते हैं। बहरहाल पहली बार ऊंचाई वाले मतदान करवाना कार्मिकों के लिए भी नया अनुभव होगा और ग्रामीणों के लिए भी। अभी तक वे लोग निचले इलाकों में ही मतदान करते आए हैं लेकिन निवर्तमान विधायक राजेंद्र भंडारी के कांग्रेस छोड़ कर भाजपा ने शामिल होने के बाद उनके द्वारा सीट खाली किए जाने के कारण यह उपचुनाव हो रहा है तो इसी बहाने नौ नए पर मतदान का अनुभव कार्मिकों और मतदाताओं को मिलने जा रहा है।