राष्ट्रीय

अल्मोड़ा की डॉ. दर्शना जोशी केरल की अंजू बिष्ट को “वीमेन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया” पुरस्कार से सम्मानित

नयी दिल्ली,24 मार्च (उहि ) ।अल्मोड़ा, उत्तराखंड की विज्ञानशाला की संस्थापक और सीईओ डॉ. दर्शना जोशी नीति आयोग द्वारा “वीमेन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया” के तौर पर सम्मानित 75 महिलाओं में शामिल हैं।

भारत को एक ‘सशक्त और समर्थ भारत’ बनाने में महिलाएं लगातार अहम भूमिका निभाती रही हैं। विभिन्न क्षेत्रों में इन महिलाओं की उल्लेखनीय उपलब्धियों को मान्यता देते हुए नीति आयोग ने “वीमेन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया” पुरस्कारों की स्थापना की है।

Anju Bist of Kollam and Aardra Chandra Mouli of Thiruvananthapuram honoured as Women Transforming India by the NITI Aayog

इस साल भारत की स्वतंत्रता का 75वां वर्ष मनाने के लिए, आजादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के तौर पर 75 महिलाओं को डब्ल्यूटीआई पुरस्कार प्रदान किए गए। नीति आयोग की ओर से वुमन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया के रूप में सम्मानित 75 महिलाओं में केरल की अमृता सेरवी (सौख्यम रियूजेबल पैड) की अंजू बिष्ट और एका बायोकेमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड की आर्द्रा चंद्र मौली शामिल हैं।अंजू बिष्ट और उनकी टीम ने विश्व में पहली बार केले के रेशे, जो कृषि-कचरे से प्राप्त होता है, से फिर से उपयोग में आने वाला (रियूजेबल) माहवारी (मेंस्ट्रुअल/पीरियड) पैड बनाया है।

भारत को ‘सशक्त और समर्थ भारत’ में रूपांतरित करने में महिलाएं लगातार महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही हैं। विभिन्न क्षेत्रों में इन महिलाओं की उल्लेखनीय उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए नीति आयोग ने वुमन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (डब्ल्यूटीआई) पुरस्कार को शुरू किया है।

विज्ञानशाला की संस्थापक और सीईओ डॉ. दर्शना जोशी, ‘स्टेम’ (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) शिक्षा में समानता और पूरे भारत में सबसे अधिक हाशिए पर बैठे समुदायों के लिए अवसर पैदा करने को लेकर दृढ़ संकल्पित हैं। ख़ासी सावधानी से विकसित इकोसिस्टम गैर-बराबरी को कम कर सकते हैं और ‘स्टेम’ में करियर बनाने के लिए हाशिए पर बैठे वर्गों का उत्थान कर सकते हैं। उनका ये संगठन ‘कल्पना – शी फॉर स्टेम’ द्वारा स्टेम अवसर में फर्क को संबोधित करते हुए एक खास ‘फि-जिटल’ इकोसिस्टम का निर्माण कर रहा है। ये एक डिजिटल मेंटरशिप प्रोग्राम है जो महिलाओं के लिए वैज्ञानिक अवसर लाता है और उनके फेलोशिप मॉडल के हिस्से के रूप में ग्रामीण स्टेम चैंपियन बनाता है। इस पहल के एक हिस्से के रूप में, ग्रामीण स्टेम स्नातकों को भौतिक विज्ञान प्रयोगशालाएं प्रदान की गई हैं जो उन्हें पूर्ण समर्थन और मेंटरशिप के तहत अभिनव मॉडलों पर काम करने में मदद करती हैं। विज्ञानशाला ने ज्ञान और प्रेरणा की एक पाइपलाइन बनाई है जो ग्रामीण कॉलेजों को वैश्विक मेंटरों से जोड़ती है और उन्हें प्रयोगशाला का अनुभव और नेतृत्व प्रशिक्षण प्रदान करती है।

विज्ञान के माध्यम से एक बेहतर दुनिया बना रही इस विज्ञानशाला का मिशन, इनोवेटर्स को स्टेम करियर में अपने सपनों को हासिल करने में सक्षम बनाना है।

 

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