असम में हाथी और गैंडों की आबादी में वृद्धि
नयी दिल्ली,20 सितम्बर।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण एवं पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज असम के गुवाहाटी में पर्यावरण और वन सचिव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।
उन्होंने जानकारी दी कि पहले असम में 5246 हाथी थे और उनकी संख्या बढ़कर अब 5719 हो गई है। बाघों की संख्या भी 70 से बढ़कर 190 हो गई है। उन्होंने गैंडों की रक्षा के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की विशेष रूप से सराहना की। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में गैंडों की आबादी में काफी महत्वपूर्ण रूप से वृद्धि हुई है।
वर्तमान वैश्विक आबादी के अनुसार एक सींग वाले भारतीय गैंडों की संख्या 3,584 है। भारत में असम राज्य के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 2,938 गैंडे हैं, जबकि नेपाल में 646। आज संपूर्ण विश्व में एक सींग वाला गैंडा संकटग्रस्त प्रजातियों में शामिल होकर अपने अस्तित्व के लिए लड़ाई लड़ रहा है. किसी समय भारत पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र थाईलैंड, मे यह बहुतायत से पाए जाते थे परंतु अवैध शिकार के कारण पिछले 30 सालों में इनकी संख्या में बहुत तेजी से गिरावट आई है. सींग के लिए इनका शिकार होता है. इनके सीग से नपुंसकता समाप्त करने वाली दवाई तथा यौनशक्तिवर्धक दवाएं बनाई जाती हैं. मुख्य रूप से चीन सबसे बड़ा खरीददार है, जहां पर उनकी सींगो के लिए 80 ,00000 रुपए प्रति सींग तक दिए जाते हैं. अभी हाल में ही चीन के द्वारा कैंसर उपचार के लिए खोजे जाने वाली दवा भी इन्हीं की सीगों से बनाई जाती है.