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सीआईयू को सौंपी कोटद्वार नगर निगम के 24 लाख के घोटाले की जांच

–कोटद्वार से राजेंद्र शिवाली-

नगर निगम कोटद्वार में 24 लाख रुपये से अधिक के घोटाले के मास्टर माइंड रहे पंकज रावत, महिला ठेकेदार सुमिता और एक पार्षद के बाद कुछ और लोगों की गिरफ्तारी शीघ्र ही हो सकती है।

पुलिस की जांच में इस एक करोड़ से अघिक सरकारी थन के गबन में शामिल कई घोटाले खोरों के नाम सामने आए हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट लेने के लिए जुट गई है। इसके अलावा 96.35 लाख रुपये के गबन के मामले की जांच पुलिस के उच्चाधिकारियों ने सीआईयू के निरीक्षक मो. अकरम को सौंप दी है।

कोतवाली प्रभारी निरीक्षक कोटद्वार विजय सिंह के अनुसार 24 लाख रुपये अधिक के घोटाले के साथ ही नगर पालिका के समय भवनों के नक्शे पास कराने के मामले में हुए लगभग तीन लाख रुपये से अधिक के गबन के मामले की जांच एस.आई. संजय रावत को सौंप दी गई है।

यह मामला भी तब के निर्माण लिपिक रहे पंकज रावत के विरुद्ध नामजद दर्ज है। अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार शेखर चन्द सुयाल ने बताया कि घोटाले की गंभीरता को मध्य नजर रखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौडी श्वेता चौबे के निर्देश पर 96 लाख के घोटाले की जांच सीआईयू (क्राइम इंवेस्टीगेशन यूनिट) प्रभारी निरीक्षक मो. अकरम को सौंपी गई है।

इस मामले में पंकज रावत के साथ छह अन्य लोग ठेकेदार एहसान अहमद, नीरज रावत, अहसान, राजपाल सिंह, सुमिता देवी और रमेश चंद्र चौधरी के खिलाफ नामजद तहरीर है। नीरज रावत पंकज रावत का ही भाई बताया जाता है। इन मामलों की जांच के लिए भी जल्द ही एक टीम गठित की जाएगी। इस घोटाले की रकम एक करोड़ से अधिक होने की सम्भावना है।

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