शिक्षा/साहित्य

नागनाथ स्नातकोत्तर  महाविद्यालय में चले उद्यमिता प्रशिक्षण शिविर का हुआ समापन

पोखरी, 10  अप्रैल  (राणा)।   राजकीय स्नातकोत्तर  महाविद्यालय नागनाथ पोखरी में चल रहे 12 दिवसीय उद्यमिता प्रशिक्षण शिविर जो कि उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड एवं भारतीय उद्यमिता संस्थान अहमदाबाद के  संयुक्त तत्वाधान में चल रहा  आज  समापन  हो गया है ।
इस प्रशिक्षण शिविर में   महाविद्यालय के  45 से अधिक छात्र छात्राओं को उद्यमिता एवं इसके विस्तृत आयामों की जानकारी दी गई। शुरुआत में विद्यार्थियों को उद्यम की प्रांभिक जानकारी के साथ उत्तराखंड में उद्यम की संभावनाओं पर चर्चा की गई। साथ ही प्रत्येक विद्यार्थी से व्यक्तिज्ञत स्तर पर काउंसलिंग करते हुए उनकी रुचि को जान समझ कर, उनकी रुचि के अनुसार उद्यमी संभानाओं के बारे में समझाया गया।
इस बीच में छात्र छात्राओं को इंडस्ट्री विजिट तथा इस क्षेत्र के सफल उद्यमियों से परिचर्चा एवं मुलाकात करवाया गया। जिससे की विद्यार्थी स्वयं उद्यमियों की सफलता को देखें एवं प्रेरणा लें। कार्यक्रम के उत्तरार्ध में विद्यार्थियों में अपने उद्यम आइडिया को उद्यमिता संस्थान अहमदाबाद से आए  समन्वयक डा मुकुल वेदी जी  से साझा किया तथा उद्यम की रूप रेखा की जानकारी प्राप्त की। छात्र छात्राओं की रुचि के अनुसार ही उनको उद्यम रजिस्ट्रेशन करवाया गया जिससे की भविष्य में ये युवा खुद की आजीविका सुनिश्चित करने के साथ अन्य के लिए भी रोजगार का सृजन कर सकें।
 समापन सत्र में डा मुकुल वेदी ने बताया कि केंद्र एवं राज्य सरकार दोनो ही इस प्रशिक्षण को लेकर काफी गंभीर है। सरकार द्वारा युवाओं में स्वरोजगार की भावना लाने तथा आर्थिक मदद के लिए बहुत सी योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिसकी जानकारी विस्तारपूर्वक डा वेदी द्वारा दी गई।  उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य मात्र ट्रेनिंग देना नहीं है अपितु उद्यम हेतु आगे आने वाले युवा को प्रत्येक कदम पर सहायता एवं सरक्षण देकर उसे सफल उद्यमी बनाना है। प्राचार्य डा पंकज पंत ने योजना के महत्व को बताए हुए सभी विद्यार्थियों को उद्यम स्थापित करने हेतु शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा अभय श्रीवास्तव के प्रबंधन की सराहना की।
 कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा अभय श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले 12 दिनों के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने उद्यम से जुड़े विभिन्न पहलुओं को जाना समझा। उद्यम हेतु सरकार की योजनाओं एवं दी जा रही सहायता के बारे में जानकर उनमें  कुछ नया करने का उत्साह जगा है। साथ हिआर्थिक स्थिति के चलते वे जिन आइडिया पर काम नही कर पा रहे थे अब उन पर भी कार्य करना आसान होगा। इससे उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में  हो रहे पलायन को रोकने में मदद भी मिलेगी।  कार्यक्रम में उद्यमिता योजना केंद्र की आईपीआर कोऑर्डिनेटर डा कंचन सहगल ने बताया कि उत्तराखंड प्राकृतिक संसाधनों का भंडार है जिनका समुचित प्रबंधन एवं उपयोग करते हुए यहां के युवा स्थानीय उत्पाद विकसित कर सकते हैं। और यदि इन्ही उत्पादों में उच्च गुणवत्ता बनाए रखते हैं तो हमें उन उत्पादों के लिए ज्योग्राफिकल इंडिकेशन टैग भी मिल सकता है। जिससे उत्तराखंड के उत्पाद वैश्विक स्तर पर जाने जायेंगे।
आज के समापन कार्यक्रम में उद्यमिता केंद्र के सदस्य एवं फैकल्टी मेंबर डा अनिल कुमार, डा चंद्रसुत, डा सुनीता मेहता, डा आरती रावत,  डा हरिओम, श्री विक्रम कंडारी, नवनीत इत्यादि सहित समस्त रजिस्टर्ड विद्यार्थी  मौजूद थे ।

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