इंद्र देव की कृपा से आखिर जंगलों में भड़की आग बुझ ही गयी
-रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट-
थराली, 9 मई। इंद्र देवता की कृपा से पिछले 10 से अधिक समय से सुलग रहें पिंडर घाटी के जंगलों की दवानल आखिरकार बुझ ही गई हैं। हालांकि अभी भी चीड़ के पेड़ों के ठूंठों के सुलगने के कारण थोड़ा बहुत धुआं दूर-दूर उठता दिखाई पड़ रहा हैं। जंगलों में आग बुझाने के कारण एक बार फिर से यहां का वातावरण पूरी तरह से स्वच्छ हो गया है।
दरअसल पिछले डेढ़ सप्ताह से पिंडर घाटी के जंगल एक के बाद एक सुलगते चलें जा रहें थे वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों के लाख प्रयासों के बावजूद भी दवानल रूकने का नाम नही ले रही थी। इसका एक बढ़ा कारण पिंडर घाटी के अधिकांश जंगल चीड़ बाहुल्य होना माना जा रहा हैं।इन दिनों क्षेत्र में तेज हवाओं के चलने की वजह से चीड़ के पत्ते तेजी के साथ पेड़ों से जमीन पर गिर रहें हैं, जिससे दवानल की घटनाओं में तेजी आ रही थी।
जंगलों में बढ़ रही दवानल को लेकर वन महकमा काफी अधिक परेशानियों में दिखाई पड़ रहा था,उसे इसे नियंत्रित करने में काफी अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ा किन्तु मंगलवार की देर सांय हुई झमाझम बारिश से क्षेत्र के जंगलों में फैली दवानल पूरी तरह से थम गई हैं। बुधवार को कही दूर-दूर चीड़ एवं अन्य पेड़ों के ठुंठो के सुलगने के कारण हल्का,हल्का धुआं उठता दिखाई पड़ रहा।
दवानल नियंत्रित होने के बाद लंबे समय से इस क्षेत्र के वातावरण में छाई धुंध छट गई हैं जिससे आम लोगों के साथ ही जंगलों में आग थम जाने के बाद वन महकमे ने भी राहत की सांस ली। और सभी इंद्र देव का आभार जताते रहें।आज भी सुबह से ही क्षेत्र में बाद छाए हुए हैं,जिनको देख आशा जताई जा रही हैं कि क्षेत्र में और बारिश हो सकती हैं।ऐसा होता है तों आने वाले दिनों में दवानल की घटनाएं नही के बराबर होगी।
———
पिंडर घाटी के पूर्व पिंडर रेंज देवाल,मध्य पिंडर रेंज थराली एवं पश्चिमी पिंडर रेंज नारायणबगड़ के जंगलों के दवानल की घटनाएं तेज होने के चलते इसे नियंत्रित करने के लिए जहां एक ओर बद्रीनाथ वन प्रभाग गोपेश्वर के प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश कुमार दुबे ने खुद मोर्चा संभालते हुए रविवार को पिंडर घाटी में आ डट गए थे। उन्होंने जंगलों में फैली आग को बुझाने के लिए जहां एक ओर वन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों व कर्मचारियों का उत्साह वर्धन करते रहे वही दूसरी ओर दवानल प्रभावित गांवों में जाकर ग्रामीणों को दवानल को नियंत्रित करने के लिए सहयोग मांगा जिसमें उन्हें काफी अधिक सफलता भी हासिल हुई। इसके साथ ही दवानल नियंत्रण के लिए शासन के द्वारा रूद्रप्रयाग व चमोली जिले के लिए नामित किए गए नोडल अधिकारी एवं प्रमुख वन संरक्षक वीपी गुप्ता ने भी मंगलवार की सुबह पिंडर घाटी पहुंच कर दवानल प्रभावित जंगलों में जाकर उसे नियंत्रित करने में जुटे वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों का उत्साह वर्धन करते हुए ग्रामीणों को भी वनाग्नि को बुझाने में सहयोग करने की अपील करते रहे।