क्षेत्रीय समाचार

बरसात में भी बारिश के लिए तरस गये गौचर क्षेत्र के काश्तकार

–गौचर से दिगपाल गुसाईं —
मानसून के दस्तक देते ही जिला  चमोली में बारिश ने भले ही आफत मचा दी हो लेकिन गौचर क्षेत्र के लोग अभी भी बारिश के लिए तरस रहे हैं।इससे फसलों पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

‌जनपद चमोली के गौचर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर खेती की जाती है। सिंचाई नहरों व सिंचाई लिफ्ट पंप योजना की खस्ता हालत के चलते इस क्षेत्र के कास्तकारों को हर साल बारिश के भरोसे रहना पड़ता है। जिससे कास्तकारों को नुक़सान भी उठाना पड़ता है।इस साल जाड़ों की बारिश न होने से से कास्तकारों को गेहूं की फसल में काफी नुक़सान उठाना पड़ा था। पिछले महीने लगातार हुई बारिश से किसी तरह कास्तकारों ने धान की बुवाई तो कर दी थी। लेकिन लंबे समय से सिंचाई के अभाव में जहां तमाम फसलें मुरझाने लगी है वहीं अभी तक धान की रोपाई का काम भी शुरू नहीं हो पाया है। जनपद के विभिन्न हिस्सों में मानसून के दस्तक देते ही बारिश ने भले ही आफत मचा दी हो लेकिन गौचर क्षेत्र के लोग अभी भी बारिश के लिए तरस रहे हैं। नौबत ऐसी आ गई है कि कास्तकार अपनी फसल बचाने के लिए नहर से सिंचाई करने में अपनी बारी के लिए पूरी रात गुजारने को मजबूर हो गए हैं। इसमें भी पनाई सिंचाई नहर व सिंचाई लिफ्ट पंप योजना कास्तकारों के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं। पनाई सिंचाई नहर की हालत जहां खस्ता बनी हुई है वहीं सिंचाई लिफ्ट पंप योजना को मनमाने ढंग से संचालित करने से कई कास्तकारों को पानी दिया ही नहीं जाता है। प्रगतिशील कास्तकार विजया गुसाईं,जसदेई कनवासी, सुभाष थपलियाल, मनोरमा गुसाईं, कंचन कनवासी, उमराव सिंह नेगी, आदि लोगों का कहना है कि पनाई सिंचाई नहर की मरम्मत के लिए जहां लंबे समय से मांग की जाती रही। वहीं सिंचाई लिफ्ट पंप को बपौती के हिसाब से संचालित करने से इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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