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अनुoजाति की लड़कियों के विवाह हेतु उत्तराखंड में मिला 133 करोड़ का अनुदाऩ

काशीपुर23 सितम्बर ।

उत्तराखंड गठन से जनवरी 2021 तक अनुसूचित जाति के गरीब परिवारों की पुत्रियों के विवाह के लिये 55472 लाभार्थियों को 132 करोड़ 63 लाख 57 हजार रूपये की धनराशि का अनुदान दिया गया है।

यह खुलासा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को समाज कल्याण निदेशालय, उत्तराखंड द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ है।नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड गठन के पूर्व से ही 25-10-1997 के शासनादेश से अनुसूचित जाति/जनजाति के निर्धन एवं असद्धाय व्यक्तियों की पुत्रियों के विवाह हेतु 10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दिये जाने का प्रावधान था जिसे शासनादेश संख्या 1030 दिनांक 12 दिसम्बर 2011 से इसे 15000 रू. तक वार्षिक या बी.पी.एल परिवारों की 2 पुत्रियों हेतु 20 हजार रूपये कर दिया गया। शासनादेश संख्या 1919 दिनांक 25 जून 2013 से इसे बढ़ाकर 50 हजार रूपये कर दिया गया तथा ऐसे व्यक्तियों को बीमारी से इलाज के लिये 10 हजार रूपये तक की धनराशि प्र्रदान किये जाने की भी व्यवस्था की गयी है।

समाज कल्याण निदेशालय द्वारा नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार अनुसूचित जाति के परिवारों की पुत्रियों के विवाह हेतु तथा बीमारी के इलाज हेतु अनुदान योजना के अन्तर्गत वर्ष 2000-2001 से 2020-21 (जनवरी तक) कुल 55472 लाभार्थियों को रू. 132 करोड़ 63 लाख 57 हजार की धनराशि अनुदान पर खर्च की गयी है। इसमें सर्वाधिक 10815 लाभार्थी हरिद्वार जिले के है जिन पर 3602.08 लाख रूपये की धनराशि खर्च की गयी है जबकि दूसरे स्थ्थान पर 7411 लाभार्थी बागेश्वर जिले के है जिन पर 954.74 लाख की धनराशि खर्च हुई है जबकि तीसरे स्थान पर 5001 लाभार्थी उधमसिंह नगर जिले के है जिन पर 1399.39 लाख  की धनराशि खर्च हुई है। अन्य जिलों में पौड़ी गढ़वाल के 4350 लाभार्थियों पर 836.83 लाख, टिहरी गढ़वाल के 2838 लाभार्थियों पर 725.26 लाख, चमोली के 3379 लाभार्थियों पर 625.63 लाख, रूद्रप्रयाग के 2534 लाभार्थियों पर 456.29 लाख, उत्तरकाशी के 2323 लाभार्थियों पर 587.54 लाख, देहरादून के 2910 लाभार्थियों पर 1048.15 लाख, नैनीताल के 3522 लाभार्थियों पर 883.84 लाख, अल्मोड़ा के 3365 लाभार्थियों पर 883.84 लाख, पिथौैरागढ़ के 3486 लाभार्थियों पर 684.59 लाख तथा चम्पावत के 3358 लाभार्थियों पर 483.93 लाख रूपये खर्च किये गये।

नदीम को उपलब्ध वर्ष वार विवरण के अनुसार वित्तीय वर्ष 2000-2001 में 246 लाभार्थियों पर 17.30 लाख, 2001-02 में 1106 लाभार्थियों पर 51.30 लाख, 2002-03 मे 1288 लाभार्थियों पर 64.82 लाख, 2003-04  में 1652 लाभार्थियों पर 81 लाख, 2004-05 में 1755 लाभार्थियों पर 111 लाख, 2005-06 में 2129 लाभार्थियों पर 126.99 लाख, 2006-07 में 2339 लाभार्थियों पर 152 लाख, 2007-08 में 2644 लाभार्थियों पर 177.15 लाख, 2008-09 में 2014 लाभार्थियों पर 160.79 लाख, 2009-10 में 4645 लाभार्थियों पर 327.12 लाख, 2010-11 में 5038 लाभार्थियों पर 361.76 लाख, 2011-12 में 4497 लाभार्थियों पर 346.33 लाख, 2012-13 में 2652 लाभार्थियों पर 449.89 लाख, 2013-14 में 4953 लाभार्थियों पर 2252.48 लाख, 2014-15 में 5099 पर 2149.72 लाख, 2015-16 में 4047 लाभार्थियों पर 1749.92 लाख, 2016-17 में 1000 पर 500 लाख तथा 2017-18 में 3000 पर  पर 1500 लाख, 2018-19 में 3350 पर 1675 लाख, 2019-20 में 1800 पर 900 लाख तथा 2020-21 (2021 तक) 218 लाभार्थियों पर 109 लाख रूपये की धनराशि अनुदान के रूप में व्यय की गयी है।

 

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