Front Pageआपदा/दुर्घटना

सावधान ; उत्तराखंड की 13 संवेदनशील हिमनद (Glacial ) झीलों में से 5 बेहद खतरनाक ; चमोली और पिथौरागढ़ जिलों को किया अलर्ट

By- Usha Rawat

देहरादून, 27 मार्च। गृह मंत्रालय (आपदा प्रबन्धन डिविजन), भारत सरकार के द्वारा गत दिवस सभी हिमालयन राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ हिमनद झीलों  के विस्फोट से आने वाली बाढ़ के नियंत्रण विषय पर एक अति महत्वपूर्ण बैठक ऑन लाईन माध्यम से आहूत की गयी जिसमें विभिन्न हिमालयी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ ही उत्तराखण्ड राज्य की तरफ से मुख्य सचिव, श्रीमती राधा रतूडी एवं सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनवार्स विभाग, उत्तराखण्ड शासन, डा० रंजीत कुमार सिन्हा द्वारा प्रतिभाग किया गया।

बैठक के दौरान भारत सरकार द्वारा यह अवगत कराया गया कि विभिन्न तकनीकी संस्थाओं द्वारा किए गए शोध के आधार पर उपलब्ध आंकड़ो का विश्लेषण करते हुए बताया गया कि हिमालयन राज्यों में ऐसे 188 हिमनद झीलें हैं, जिनमें से 13 हिमनद झीलें उत्तराखण्ड राज्य अन्तर्गत हैं। इन 13 झीलों को रिस्क फैक्टर के आधार पर ‘ए’ ‘बी’ और ‘सी’ तीन विभिन्न श्रेणियों में विभक्त किया गया है। जिसमें से अतिसंवेदनशील 05 हिमनद झीलों को ‘ए’ श्रेणी में तथा संवेदनशील 04 हिमनद झीलों को ‘बी’ श्रेणी में तथा शेष 04 हिमनद झीलें जो अपेक्षाकृत कम संवेदनशील हैं को श्रेणी ‘सी’ में रखा गया है।

बैठक में बताया गया कि ‘ए’ श्रेणी में वर्गीकृत हिमनद झीलों में से एक जनपद चमोली तथा चार जनपद पिथौरागढ़ में अवस्थित हैं। इसी प्रकार ‘बी’ श्रेणी वर्गीकृत हिमनद झीलों में से एक जनपद चमोली, एक जनपद टिहरी तथा दो पिथौरागढ़ में अवस्थित हैं।

प्रथम चरण में ‘ए’ श्रेणी में वर्गीकृत 05 हिमनद झीलों के जोखिम आंकलन / सर्वेक्षण का कार्य माह मई, जून-2024 में किया जाना प्रस्तावित है। इस कार्य के अन्तर्गत प्रथम फेज में सेटेलाईट डाटा अध्ययन / एकत्रित किया जाना, वैथैमैट्री सर्वे तथा क्षेत्र सर्वेक्षण के आधार पर संवेदनशीलता का आंकलन किये जाने सम्बन्धी कार्य किया जाएगा।

इसी प्रकार माह जुलाई, अगस्त-2024 में इन्स्ट्रूमेन्टेशन/अर्ली वर्निगं सिस्टम लगाए जाने का कार्य तथा आपदा न्यूनीकरण के उपाय सम्बन्धी कार्य किए जाएगें। उक्त अध्ययन किए जाने हेतु 02 टीमें बनाई गई हैं। प्रथम टीम में एन०आई०एच०, रूड़की व जी०एस०आई० लखनऊ, आई०आई०आर०एस० देहरादून, यू०एस०डी०एम०ए० तथा यू०एल०एम०एम०सी० के द्वारा संयुक्त रूप से कार्य किया जायेगा तथा इस टीम के द्वारा 02 हिमनद झीलों का अध्ययन / सर्वेक्षण किया जाएगा तथा शेष 03 हिमनद झीलों के अध्ययन / सर्वेक्षण का कार्य द्वितीय टीम जिसमें सी-डैक पुणे, वाडिया इन्स्टियूट ऑफ हिमालयन जियोलोजी, आई०आई०आर०एस देहरादून, यू०एस०डी०एम०ए० तथा यू०एल०एम०एम०सी के द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।

इस पूरे अध्ययन / सर्वेक्षण कार्य के लिए सी०डैक पुणे को लीड टैक्नीकल ऐजेंसी के रूप में रखा गया है, अन्य तकनीकी संस्थाएं यथा वाडिया इन्स्टियूट ऑफ हिमालयन जियोलोजी, आई०आई०आर०एस देहरादून, यू०एस०डी०एम०ए० तथा यू०एल०एम०एम०सी, एन०आई०एच० रुड़की व जी०एस०आई लखनऊ इनके साथ समन्वय करते हुए कार्य करेंगी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!