पांचवें दिन पूरे योवन पर पहुंचा गौचर मेला : आयोजकों और दुकानदारों के चेहरों पर लौटी रौनक
-गौचर से दिग्पाल गुसांईं-
चमोली जिले के गौचर मैदान में आयोजित गौचर औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेला के पांचवें दिन पूरे योवन पर आने से आयोजकों ही नहीं दुकानदारों के चेहरों पर रौनक लौट आई है। मेले में उमड़ी भीड़ ने मेले पर चार चांद लगा दिए हैं।
संस्कृति को जीवंत बनाए रखने वाले गौचर औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेला ऐसे समय में आयोजित होता है। जब क्षेत्र के कास्तकारसे सभी काम धंधों से फुर्सत के क्षण में होते हैं। भारत तिब्बत व्यापार के रूप में 1943 में शुरू हुआ यह मेला इस अपनी 72 वीं वर्षगांठ मना रहा है।
इन बीच के कालखंडों में इस मेले में कई उतार चढ़ाव देखने को मिले हैं। कभी क्षेत्र में आए विनाशकारी भूकंप, कभी अलग राज्य की मांग तो कभी राजनीतिक कारणों से यह मेला नौ बार स्थगित रहा। एक समय ऐसा भी था कि मेले में भीड़ जुटाने के लिए जहां सेना की भर्ती आयोजित की जाती थी वहीं मेला आयोजन के सात दिनों तक जिले के सभी कार्यालय यहीं से संचालित किए जाते थे।
यही नहीं कोर्ट के फरियादी मेले का आनंद लेने से वंचित न रहे इसके लिए कोर्ट भी आयोजित किए जाते थे। लेकिन समय के साथ सभी व्यवस्थाएं हांसिए पर चले जाने से मेले भीड़ जुटाने के लिए जिलाधिकारी की ओर से 18 नवंबर को अवकाश की घोषणा की गई। यही वजह है कि सोमवार को अवकाश होने की वजह से मेले में उमड़ी भीड़ ने मेले पर चार चांद लगा दिए हैं।
मेले में मेलार्थियों द्वारा जमकर की गई खरीददारी से दुकानदारों के चेहरों पर भी रौनक देखने को मिल रही है।