विश्व योग दिवस के अवसर पर पतंजलि योगपीठ में भव्य आयोजन
हरिद्वार, 21 जून। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर स्वामी रामदेव के नेतृत्व में पतंजलि वैलनेस केन्द्र, पतंजलि योगपीठ-।। में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वहीं लाल किले पर आयुष मंत्रालय द्वारा संचालित कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण ने केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी के साथ योग-सत्रा में भाग लिया।
इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि योग भारत की सांस्कृतिक विरासत है। योग अनुशासित व रोगमुक्त जीवन जीने की कला तथा मानसिक व शारीरिक विकारों का शमन कर मनुष्य व प्रकृति के मध्य सामंजस्य स्थापित करने का सशक्त माध्यम है।
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्ष में आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत देश के पतंजलि योग समितियों के सहयोग से देश के 75 ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तथा आईकोनिक स्थानों, 500 जिलों की लगभग 5000 तहसीलों में करोड़ों लागों ने एकरूपता के साथ योग किया। ऐसा प्रतीत होता है मानो भारत के साथ पूरा विश्व एकात्मता के सूत्रा में, योगसूत्रा में बंध गया हो।
पतंजलि योगपीठ में आज निर्धरित समय पर कॉमन योग प्रोटोकॉल के अनुसार योग सत्र प्रार्थना के साथ प्रारंभ हुआ। इसके पश्चात सूक्ष्म व्यायाम में ग्रीवा संचालन, स्कन्ध एवं भुजाओं का संचालन में स्कन्ध खिंचाव, स्कन्ध चक्र, कटिशक्ति संचालन, कटि संचालन तथा घुटना संचालन का अभ्यास कराया गया। तत्पश्चात खड़े होकर किए जाने वाले आसनों में ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्धचक्रासन तथा त्रिकोणासन, बैठकर किए जाने वाले आसनों में दण्डासन, भद्रासन, वज्रासन, अर्द्ध उष्ट्रासन, उष्ट्रासन, शशकासन, उत्तानमंडूकासन, 21.06.2022 मारीच्यासन/वक्रासन, पेट के बल लेटकर किए जाने वाले आसनों में मकरासन, भुजंगासन, शलभासन, पीठ के बल लेटकर किए जाने वाले आसनों में सेतु बंधसन, उत्तानपादासन, अधर््ाहलासन, पवनमुक्तासन तथा शवासन का अभ्यास कराया गया। इसके पश्चात कपालभाति तथा नाड़ी शोध्न में अनुलोम-विलोम, शीतली व भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास कराया गया। शरीर को स्थायित्व प्रदान करने हेतु ध्यान कराया गया।
तत्पश्चात बाबा रामदेव ने उपस्थित योग साधकों के साथ-साथ पूरे विश्व को अपनी जीवनशैली में योग को शामिल करने हेतु संकल्पित कराया। शांतिपाठ के साथ योग-सत्रा का समापन हुआ। पूरे कार्यक्रम के दौरान पतंजलि गुरुकुलम् के विद्यार्थियों ने निरंतर मलखम्ब, कुश्ती, बाक्सिंग, ताइक्वांडो, सूर्यनमस्कार, दण्ड-बैठक तथा योगासनों का प्रदर्शन किया। मानव सेवा को समर्पित पतंजलि वैलनेस की इंटिग्रेटेड थैरेपी का भी लाईव प्रसारण किया गया।
कार्यक्रम में पतंजलि योग समिति देहरादून, कोटद्वार, हरिद्वार व रूड़की के हजारों योग साध्कों ने भाग लिया। इनके अतिरिक्त पतंजलि वैलनेस में स्वास्थ्यलाभ ले रहे रोगियों, पतंजलि विश्वविद्यालय के छात्रा-छात्राओं, पतंजलि गुरुकुलम् के विद्यार्थियों तथा कर्मयोगियों ने बढ़-चढ़ हिस्सा लिया।
लाल किले पर आयोजित कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आज करोड़ों की संख्या में लोग घरों से निकलकर योग दिवस में भाग ले रहे हैं, योग का उत्सव मना रहे हैं। योग ने लाखों लोगों को निरोगी बनाया है, आने वाला समय योग का है। कार्यक्रम में भारतीय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन एन.पी.सिंह, पतंजलि योग समिति की मुख्य केन्द्रीय प्रभारी साध्वी आचार्या देवप्रिया, भारत स्वाभिमान मुख्य केन्द्रीय प्रभारी भाई राकेश, पतंजलि वैलनेस के निदेशक स्वामी विदेह देव, पतंजलि योग समिति देहरादून की अध्यक्ष सीमा जौहर, ़ऋषिकेश अध्यक्ष सुनीता, रूड़की अध्यक्ष सुरेश त्यागी व कटार सिंह, हरिद्वार से भाई प्रभात के साथ पतंजलि योग समिति देहरादून, कोटद्वार, रूड़की, लक्सर व हरिद्वार से हजारों कार्यकर्ता योग-सत्रा में भाग लेने के लिए पतंजलि पहुँचे। योग साधकों के आवागमन हेतु करीब 70 बसों की व्यवस्था की गई थी।