हाथ से बुने खादी के राष्ट्रीय झंडे लहराएंगे मगर प्लास्टिक के नहीं
नयी दिल्ली, 24 जुलाई। गृह मंत्रालय ने भारतीय झंडा संहिता, 2002 में संशोधन किया है, जिसके तहत “भारत का राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काते गए और हाथ से बुने या मशीन से बने, कपास / पॉलिएस्टर / ऊन / रेशम / खादी बंटिंग से बना होगा।”
इसके अलावा, आधिकारिक प्रदर्शन के लिए दिशानिर्देशों के अनुसार, “आधिकारिक प्रदर्शन के लिए सभी अवसरों पर, झंडा केवल भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा निर्धारित विनिर्देशों के अनुरूप होगा और उनके मानक चिह्न वाले ध्वज का उपयोग किया जाएगा।”
15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से फहराया जाने वाला राष्ट्रीय ध्वज आयुध वस्त्र फैक्टरी, शाहजहांपुर द्वारा निर्मित एक रेशमी झंडा है, जो झंडा संहिता के अनुरूप है।
सार्वजनिक/सरकारी विभागों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारतीय मानक-I (आईएस-I) राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण के लिए बीआईएस लाइसेंस रखने वाले कुल 4 खादी संस्थान हैं। आईएस-I राष्ट्रीय ध्वज बनाने वाली खादी संस्थाओं के नाम इस प्रकार हैं:
- कर्नाटक खादी ग्रामोद्योग संयुक्त संघ फेडरेशन, हुबली, कर्नाटक
- मध्य भारत खादी संघ, ग्वालियर, मध्य प्रदेश
- खादी डायर्स एंड प्रिंटर्स, बोरीवली, महाराष्ट्र
- धारवाड़ तालुक गरग क्षेत्रीय सेवा संघ, कर्नाटक