ऊर्गम घाटी का हस्तशिल्प प्रधानमंत्री आवास के बाद अब राष्ट्रपति भवन भी पहुंचा
गोपेश्वर, 11 दिसम्बर ( गुसाईं)।सीमांत जनपद चमोली के ऊर्गम घाटी की महिलाओं के समूह के द्वारा तैयार हस्तसिल्प निर्मित वस्तुओं की दस्तक प्रधानमंत्री के आवास के बाद अब राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गई है। इसे चमोली की महिलाओं की एक उपलब्ध के तौर पर देखा जा रहा हैं।
दरअसल गत दिनों दून यूनिवर्सिटी के तृतीय दीक्षांत समारोह के अवसर पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू बतौर मुख्य अतिथि देहरादून पहुंची थी।वही पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत चमोली जिले के ऊर्गम घाटी में गठित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अपने समूह के द्वारा निर्मित हस्तशिल्प की वस्तुओं को महामहिम को दिखाई। निर्मित वस्तुओं को देखते हुए राष्ट्रपति के निर्मित वस्तुओं की सराहना की।
समूह से जुड़े लक्ष्मण सिंह नेगी ने बताया कि सीमांत नीति घाटी की मंजू देवी, सीआरपी मीना चौहान आदि के नेतृत्व में घाटी क्लस्टर फेडरेशन की महिलाओं ने राष्ट्रपति को अपने हाथों से बनी हुई वस्त्र भेंट किए जिन्हें राष्ट्रपति ने सहर्ष स्वीकार भी किए। इस दौरान महिला समूह की सदस्यों ने राष्ट्रपति को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बद्री गाय के घी का उत्पादन कियें जानें एवं इस घी के लाभ के साथ ही समूहों के द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी भी राष्ट्रपति को दी।
इस दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई उच्चाधिकारी मौजूद थे। बताते चलें कि इसी साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सीमांत गांव माणा के भ्रमण के दौरान भी इन्ही समूहों की महिलाओं ने समूहों के द्वारा तैयार उत्पादों को पीएम को दिखाया एवं भेट किए थें।जिनकी पीएम मोदी ने सराहना भी की थी। राष्ट्रपति भवन, एवं पीएमओ तक सीमांत जिलों के उत्पादों के पहुंचने पर ऊर्गम,माणा,नीति घाटी की महिलाएं ही नही पूरे जिले की महिलाएं गदगद हैं। इससे उनमें स्वरोजगार के प्रति रूझान बढ़ने के साथ ही स्थानीय उत्पादों एवं हस्तकला का और तेजी के साथ विकास होने की आशा जताई जा रही हैं।