खेल/मनोरंजन

‘हनु-मान’: भारतीय पैनारोमा मंच पर एक पौराणिक सुपरहीरो का उदय

 

गोवा में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के भारतीय पैनोरमा खंड में प्रशांत वर्मा द्वारा निर्देशित एक उत्कृष्ट सिनेमा कृति हनु-मान का प्रदर्शन किया गया। अंजनाद्री के काल्पनिक गांव में फिल्माई गई यह फिल्म हनुमन्थु की यात्रा का वर्णन करती है, जो एक छोटा चोर है और फिर भगवान हनुमान के रक्त की एक जीवाश्म बूंद से दिव्य शक्तियां प्राप्त करता है। यह परिवर्तन एक स्वघोषित सुपरहीरो के साथ एक महाकाव्य संघर्ष के लिए मंच तैयार करता है, जिसमें पौराणिक कथाओं, साहस और मानवीय उदारता का शानदार सामंजस्य किया गया है।

हनुमन्थु की मुख्य भूमिका निभाने वाले अभिनेता तेजा सज्जा ने भारतीय पौराणिक कथाओं पर आधारित इस कथा पर आगे काम करने पर विचार किया। प्रोडक्शन के दायरे पर विचार व्यक्त करते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे टीम ने बड़े स्तर पर भारतीय सिनेमा के समान स्तर पर दृश्य लाने के लिए बजटीय सीमाओं को भी लांघा। अंजनाद्री के सुरम्य लेकिन काल्पनिक गांव को पूरी तरह से हैदराबाद में एक सेट पर फिर से बनाया गया, यह फिल्म निर्माताओं की सरलता को दर्शाता है।

तेजा सज्जा ने फिल्म के पीछे के रचनात्मक दृष्टिकोण पर भी बात की और निर्देशक प्रशांत वर्मा की तीन वर्ष की लंबी निर्माण यात्रा के दौरान दृढ़ता और लगन को इसका श्रेय दिया। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे यह फिल्म न केवल भारत की पौराणिक जड़ों को फिर से सामने लाती है बल्कि भारतीय सिनेमा को वैश्विक मंच पर भी स्थापित करती है।

सज्जा ने भारतीय संस्कृति में पूरी तरह से समाहित एक ऐसे किरदार को निभाने पर गर्व व्यक्त किया, जो समान पौराणिक पात्रों से परिचित अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के साथ जुड़ता है। उन्होंने हनु-मान को एक बड़ी फ्रैंचाइज़ में विस्तारित करने की योजना की भी जानकारी दी गयी जिसमें तेजा ने एक सीक्वल पर काम करने की पुष्टि की, जो इससे भी बड़ी कथा देने का वादा करती है। उन्होंने फिल्म में बेहतर तरीके से रचे गए महिला पात्रों के महत्व पर जोर दिया, कहानी को आगे बढ़ाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान दिया गया है।

अभिनेता ने भारतीय सिनेमा के भविष्य के प्रति भी अपनी आशा व्यक्त की, उन्होंने इसके विकास का श्रेय दर्शकों के गाथा वर्णन के प्रति होने वाले अटूट प्रेम को दिया। उन्होंने कहा कि संपन्न तेलुगु फिल्म उद्योग अभिनव कथाओं और मन को मोह लेने वाले प्रदर्शनों के साथ निरंतर बंधनों से आगे बढ़ता रहा है, एक ऐसा भाव जिससे उन्हें उम्मीद है कि यह अधिक अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने की दिशा में प्रोत्साहन देगी।

हनु-मान सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक कहानी का एक सशक्त मिश्रण है, जिसका उद्देश्य भारत और विदेश दोनों ही जगह दर्शकों के मन में अपना स्थान बनाना है। भारतीय पैनोरमा खंड में इसका समावेश फिल्म के कलात्मक और सांस्कृतिक महत्व की भी पुष्टि करता है।

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