अंकिता हत्याकाण्ड की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर हरीश रावत का दो दिनी धरना शुरू
-उत्तराखण्ड हिमालय ब्यूरो-
देहरादून, 26 दिसम्बर। बहुचर्चित अंकिता हत्याकंाड की जांच सीबीआइ से कराने एवं इस काण्ड के लिये जिम्मेदार वीआइपी के नाम के खुलासे की मांग को लेकर आज सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत का दो दिवसीय धरना देहरादून के गांधी पार्क के गेट पर शुरू हो गया है। जिसमें कांग्रेस के इतर अन्य संगठनों के नेता एवं समाज सेवी भी भाग ले रहे हैं।
सोमवार को धरनास्थल पर भारी भीड़ ने जमा हो कर नारेबाजी की।उपस्थित लोगो में अंकिता हत्याकांड के तीन महिने बीत जाने के बावजूद भी वीआईपी के नाम का खुलासा न होने के कारण भारी आक्रोश देखने को मिला। प्रदर्शनकारी राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी की जॉच से असंतुष्ट दिखे। धरने के दौरान मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भाजपा सरकार में उत्तराखण्ड राज्य की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।
रावत ने भाजपा सरकार को आढे हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा सरकार में राज्य की कानून व्यवस्था लचर अवस्था में पहुॅच गयी है। आये दिन महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं घटित हो रही है। यमकेश्वर ब्लॉक के वंनन्तरा रिर्जोट में घटित अंकिता हत्याकांड जैसी विभत्स घटना से उत्तराखंड राष्ट्रीय पटल पर शर्मसार हो गया है। पौडी जिले की बेटी अंकिता भण्डारी जो मात्र अपनी मौत से 15 दिन पहले भाजपा सरकार में राज्य मंत्री रहे डॉ विनोद आर्य के बेटे के रिजोर्ट में रिसेपसनिस्ट के पद पर नौकरी पर रखा गया। उसका विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य ने मानसिक उत्पीडन किया तथा किसी वीआईपी को एकस्ट्रा सर्विस देने के लिए दबाव डाला। विरोध करने पर राज खुलने के डर से अंकिता को चीला नहर फेंक दिया। इस घटना को सुनकर हर किसी की रूह कांप गयी और घटना के तीन माह बीत जाने के बाद भी उत्तराखण्ड की सरकार और पुलिस प्रशासन मामले की लीपापोती में जुटे हैं। रावत ने अंदेशा जताया कि कहीं न कहीं जिस वीआईपी को बचाने का ऐढीचोटी का जोर लगाया जा रहा वो इतना बडा नाम है कि उसका खुलासा करने से भाजपा को बेनकाब होने का डर है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने धरने को नौटंकी बताया
भाजपा ने कांग्रेस को अंकिता हत्याकांड मे जांच पर अदालत के फैसले का सम्मान करते हुए राजनीति न करने की नसीहत दी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि सरकार ने अंकिता हत्याकांड को गंभीरता से लेते हुए समय पर एसआईटी गठित की। एसआईटी भी मामले मे चार्जशीट दाखिल कर चुकी है और सरकार तथा जनभावना के अनुरूप निष्पक्ष तथा बिना दबाव के कार्य कर रही है। लेकिन कांग्रेस इस दुखद मौके पर शुरू से ही राजनीति करती रही है और जाँच एजेंसी की जाँच के खिलाफ अविश्वास का वातावरण तैयार करती रही है। हालांकि मामले मे सीबीआई जांच की याचिका को कोर्ट खारिज कर चुकी है जो कि जांच एजेंसी के मनोबल बढ़ाने जैसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अभी भी इस पर जन भावनाओं को भड़काने का कार्य कर रही। भट्ट ने कांग्रेस के धरने प्रदर्शन को राजनेतिक नौटंकी करार देते हुए कहा कि यह कांग्रेस मे गुटीय संघर्ष और अस्तित्व की लडाई का परिणाम है।
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रावत ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा सरकार में महिलाओं पर अत्याचार की घटनायें लगातार बढती जा रही हैं। भाजपा सरकार में अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है। भाजपा नेता के बिना अनुमति के चल रहे रिजार्ट में राज्य की बेटी अंकिता भण्डारी के साथ हुई जघन्य अपराध की घटना इसका जीता जागता उदाहरण है। रावत ने कहा कि आज उत्तराखण्ड की बेटियां अपने ही राज्य में सुरक्षित नही है?
रावत ने कहा कि अंकिता हत्याकाण्ड में बहुत सारे सवाल उलझे हुए हैं बहुत से ऐसे सवाल हैं जो अनुउत्तरित हैं। जैसे रिजोर्ट में बुलडोजर किसके आदेशों से चलाया गया, क्यों चलाया गया, रिजोर्ट को सील क्यों नही किया गया, रिजोर्ट में पुलिस प्रशासन की मौजुदगी में दो बार आग कैसे लग गयी। क्या इस लापरवाही के लिए किसी की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की गयी? उन्होने इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जॉच उच्च न्यायालय के न्यायधीश की निगरानी में हो ताकि वीआईपी का नाम उजागर हो सके और सत्य सबके सामने आ सके।
धरने में पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व मंत्री गोविन्द सिंह कुंजवाल, हीरा सिंह बिष्ट,पूर्व मंत्री प्रसाद नैथानी, संगठन महामंत्री विजय सारस्वत, राजपाल खरोला, सतपाल ब्रहमचारी, सीपीआई नेता समर भण्डारी, एस0एस0 पांगती, प्रकाश थपलियाल, पूर्व विधायक ओम गोपाल, सुरेन्द्र अग्रवाल, महानगर अध्यक्ष जसविन्दर सिंह गोगी, पूरन सिंह रावत, विरेन्द्र पोखरियाल, मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी, मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, एस0सी0विभाग अध्यक्ष दर्शन लाल, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, नीरज त्यागी, नवनीत सती, ऋषिकेश महन्त विनय सारस्वत, श्याम सिंह चौहान, हरिद्वार जिलाध्यक्ष राजीव चौधरी, पार्षद ऋषिकेश मनीष शर्मा, सुरेन्द्र रांगड, महेन्द्र सिंह नेगी गुरूजी, सेवादल प्रदेश अध्यक्ष हेमा पुरोहित, सुशील राठी, आशा मनोरमा डोबरियाल, शान्ति रावत, प्रशान्त भैंसोडा, संग्राम पुण्डिर, लक्ष्मण नेगी, ओमप्रकाश सती, विरेन्द्र पंवार, चौ.सतवीर, राव अफाक, संजय सैनी, विरेन्द्र कण्डारी, राजेन्द्र राणा, शकील मंसूर, श्रीमती नजमा खान, महावीर रावत, धर्म सिंह पंवार, चौ0 करतार सिंह, पूर्व पार्षद सुनील जयसवाल, राकेश नेगी, मनीष नागपाल, कमल रावत, चन्द्रकला नेगी, पुष्पा पंवार, सरोज देवराडी, आशा टम्टा, अम्बीका चौहान, रितेश क्षेत्री आदि मौजूद रहे।